पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र जारी कर दिए हैं। कांग्रेस, वाममोर्चा, इंडियन सेकुलर फ्रंट इसकी तैयारी में हैं। पार्टियों ने लोक-लुभावन वादे खूब किए हैं। तृणमूल कांग्रेस ने पहले अपना घोषणापत्र जारी किया और महिलाओं के खातों में सीधे नकदी भेजने जैसी योजनाओं की प्रमुखता से बात की। भाजपा के संकल्प पत्र में उस तरह के कई वादों को विस्तारित रूप दिखा। दोनों पार्टियों के घोषणापत्र में मकान देने के वादे, विद्यार्थियों और युवाओं के लिए नौकरियों से लेकर पढ़ाई में मदद तक वादे हैं ही।
किसान : ममता बनर्जी ने छोटे किसानों को सालाना 10 हजार रुपए प्रति एकड़ देने का एलान किया है। दरअसल, वे कृषि कानूनों के खिलाफ चल किसान आंदोलन को अपने पक्ष में करने की कोशिश में हैं। इसके अलावा वह केंद्र की किसानों को छह हजार रुपए सालाना वाली योजना की काट भी ढूंढ रही हैं। वहीं, भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कहा कि कृषक सुरक्षा योजना के तहत हम हर भूमिहीन किसान को हर वर्ष 4000 रुपए की सहायता देंगे।
पिछड़ा वर्ग : ममता बनर्जी ने ओबीसी, दलित और आदिवासी परिवारों को सालाना 12 हजार रुपए देने का वादा किया है। ममता बनर्जी ने महिष्य, तामुल, तेली और साहा जातियों को ओबीसी दर्जा देने के लिए टास्क फोर्स का गठन करने की बात कही है। इन जातियों का पूर्वी मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों में खासा असर है। इस जाति कार्ड से 50 सीटों के नतीजों में उलटफेर हो सकता है। उनकी नजर जंगलमहल इलाके पर भी है, जहां भाजपा काफी मजबूत मानी जा रही है।
दूसरी ओर, भाजपा ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में कहा है कि ओबीसी आरक्षण की सूची में महिस्य, तेली और अन्य हिन्दू समुदाय जो रह गए हैं, उनको समाविष्ट करने का काम भी भाजपा की सरकार करेगी।
महिला : तृणमूल ने विधवा महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए देने का वादा किया है। सामान्य वर्ग की महिलाओं के खाते में छह हजार रुपए सालाना देने का भी वादा है। वहीं, भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कहा है कि राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देंगे। बसों में सभी महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा की व्यवस्था होगी।
आम आदमी : ममता बनर्जी के सामान्य वर्ग के परिवारों को सालाना 6000 रुपए योजना में एक करोड़ 60 लाख लोगों को फायदा पहुंचाने की बात कही गई है।
वहीं, भाजपा ने बंगाल में सातवां वेतन आयोग सभी कमर्चारियों को देने का वादा किया है। भ्रष्टाचार की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने, मुख्यमंत्री शरणार्थी योजना के तहत प्रत्येक शरणार्थी परिवार को पांच साल तक 10 हजार रुपया प्रतिवर्ष देने का वादा है।