कभी कांग्रेस पार्टी का ही हिस्सा रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज कांग्रेस से बेहद सतर्क रहती हैं। ये बात उनकी जुबान पर उस वक्त आ गई, जब वह पार्टी की बैठक के दौरान मंच से भाषण दे रहीं थीं। राज्य की राजनीतिक स्थिति के बारे में बात करते हुए भाजपा, वाम दलों और माओवादियों के साथ ही देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर भी तंज कसते हुए उन्हें देश का सबसे बड़ा कलंक करार दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने भाषण में कहा,”सीपीएम बीजेपी के चरणों में गिर हुई है और डूबने से बचने के लिए उनके तिनकों का सहारा ले रही है। कांग्रेस भाजपा का दिल्ली में विरोध कर रही है और यहां उनसे हाथ मिला रही है। कांग्रेस के नियम और उनके सिद्धांत कहां हैं? सीपीएम, कांग्रेस, माओवादी और भाजपा ये सभी समाज के कलंक हैं।” तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने विपक्षी पार्टियों के बीच गुप्त गठजोड़ होने की भी बात कही। उन्हेांने कहा,चार सिर एक साथ आ रहे हैं। वे पैसे लूटने, चोरी करने और आग लगाने के लिए आ रहे हैं।”
ममता बनर्जी कभी कांग्रेस पार्टी की ही सदस्य थीं। उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाने के लिए नाते तोड़ लिए थे। दीदी के नाम से मशहूर ममता बनर्जी अक्सर कांग्रेस की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी के साथ गर्मजोशी से मुलाकात करती हैं। लेकिन इसके बावजूद 2019 में भाजपा के खिलाफ संयुक्त विपक्ष के मोर्चे में कांग्रेस की हिस्सेदारी पर उनका रुख बेहद धुंधला रहा है। ममता बनर्जी नियमित रूप से अपने प्रतिनिधियों को कांग्रेस के द्वारा आयोजित की जाने वाली मीटिंगों में भेजती रही हैं। पिछली बार गुरुवार (21 जून) को उनके प्रतिनिधि के तौर पर दिनेश त्रिवेदी राहुल गांधी की इफ्तार पार्टी में दिखे थे। लेकिन उनकी नजदीकी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के साथ भी दिखती है।
बता दें कि चंद्रशेखर राव गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई लोकतांत्रिक मोर्चे का एजेंडा बनाने में जुटे हुए हैं। राज्य के स्तर पर दोनों पार्टियां एक दूसरे के विरोध में खड़ी हैं। ये विरोध उस वक्त और प्रबल हो गया था जब वाम मोर्चे के साथ कांग्रेस ने अघोषित गठजोड़ करके ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। वहीं अगले साल होने वाले चुनावों के लिए पार्टी के रणनीतिक सत्र में उन्होंने कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने के टिप्स दिए। उन्होंने पार्टी नेताओं को भी आपसी मतभेद भुलाकर संगठन के लिए काम करने के लिए कहा।