पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दार्जिलिंग में पर्वतीय क्षेत्र के विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और कहा कि गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के चुनाव जल्द होंगे। केंद्र पर तंज कसते हुए उन्होंने सभी नेताओं से कहा कि वो दिल्ली का लड्डू खाने से बचें।
उत्तर बंगाल की पांच दिवसीय यात्रा पर आईं मुख्यमंत्री ने दिन के दौरान गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) और भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ हुई एक बैठक की अध्यक्षता की। ममता ने कहा कि केंद्र सरकार लोगों सो गुमराह कर रही है। एक तरफ महंगाई सिर चढ़कर बोल रही है तो दूसरी तरफ तेल के दाम लगातार बढ़ाए जा रहे हैं। केंद्र को लोगों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है। उन्हें केवल चुनाव जीतने की चिंता है। वो केवल चुनाव के लिए काम करते हैं।
बैठक के बाद उन्होंने पवर्तीय क्षेत्र में एक त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली और एक नये जीटीए निकाय की स्थापना का आह्वान किया। ममता ने संवाददाताओं से कहा कि सभी पर्वतीय दल जीटीए चुनावों के लिए सहमत हो गए हैं। केवल जीजेएम ने अन्य विचार व्यक्त किए हैं। हम चाहते हैं कि एक त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली और एक नया जीटीए निकाय हो। केंद्र से त्रि-स्तरीय ग्रामीण निकाय प्रणाली को लागू करने का अनुरोध किया गया है। मैं चाहती हूं कि जीटीए चुनाव मई-जून में हों।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र लिखकर उनसे मोदी-शाह के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की अपील की। ममता ने भाजपा से मुकाबला करने की रणनीतियों पर चर्चा करने और एकजुट एवं सैद्धांतिक विपक्ष बनाने का संकल्प लेने के लिए एक बैठक करने की अपील की, ताकि ऐसी सरकार बनाने की तैयारी की जा सके, जिसका देश हकदार है।
ममता ने कहा कि सभी प्रगतिशील ताकतों को एक साथ आने और भाजपा के दमनकारी शासन से लड़ने की जरूरत है। 27 मार्च को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि मैं आपको भाजपा द्वारा इस देश के संस्थागत लोकतंत्र पर किए जा रहे सीधे हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए यह पत्र लिख रही हूं।