लगभग पांच साल तक राष्ट्रीय क्रिकेट टीम से नजरअंदाज किए गए भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने रविवार को कहा कि पदार्पण से ज्यादा मुश्किल वापसी रही। इस 37 वर्षीय गेंदबाज ने भारत की तरफ से आखिरी मैच पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप 2011 में सेमीफाइनल में खेला था।
इसके बाद वह उंगली के चोट के कारण फाइनल में नहीं खेल पाए थे और फिर उन्हें अगला मैच खेलने के लिए पांच साल का इंतजार करना पड़ा। उनकी पिछले महीने आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज के लिए टीम में वापसी हुई।
नेहरा ने भारतीय टीम के एशिया कप के लिए ओपन मीडिया सत्र में कहा, ‘वापसी करना बेहद मुश्किल रहा। वापसी पदार्पण की तुलना में अधिक मुश्किल रही। मैंने 36 साल की उम्र के बाद वापसी की।’ उन्होंने कहा कि तेज गेंदबाजों के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल है। नेहरा ने कहा, ‘अंदर बाहर होने के कारण तेज गेंदबाजों के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करना आसान नहीं होता है। उन पर दबाव रहेगा। आपको लगातार कड़ी मेहनत करनी होती है।
मैंने केवल घरेलू क्रिकेट ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को ध्यान में रखकर अभ्यास किया।’ टी20 टीम में वापसी करने के बाद नेहरा ने आस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ छह मैचों में सात विकेट लिए हैं। उन्होंने कहा, ‘आप बहुत अधिक टी20 मैच नहीं खेलते। यदि टी20 क्रिकेट की बात करें तो आइपीएल से बहुत मदद मिली।
आप उसके हिसाब से अभ्यास करते हो। यह मेरे लिए बड़ी बात नहीं है। आप जितने अधिक मैच खेलोगे उतना बेहतर प्रदर्शन करोगे।’ युवा तेज गेंदबाज जसप्रीत बमराह के साथ अपने तालमेल पर उन्होंने कहा, ‘यह अच्छा अनुभव है। हम दो पूरी तरह से अलग तरह के गेंदबाज हैं। हमारा एक्शन अलग है। हमारी जोड़ी अच्छी है। उम्मीद है कि हम अगले दो महीनों में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।’