West Bengal Mid Day Meal: पश्चिम बंगाल में अब मिड डे मील में चिकन और मौसमी फल दिए जाएंगे। एक अधिसूचना के अनुसार प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत फिलहाल मिड डे मील में चार महीने तक हर सप्ताह चिकन और मौसमी फल दिए जाएंगे। सरकार ने जनवरी से अप्रैल तक, मिड डे मील में चिकन और मौसमी फल शामिल करने के लिए 372 करोड़ रुपये दिए हैं।

पश्चिम बंगाल में Mid-day Meal में परोसा जाएगा चिकन

अधिसूचना के अनुसार, पीएम पोषण के तहत अतिरिक्त पोषण के लिए चावल, आलू, सोयाबीन और अंडे के मौजूदा मिड डे मील मेनू के अलावा चार महीने तक हफ्ते में एक बार चिकन और मौसमी फलों को परोसा जाएगा। स्कूल विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि चिकन और फलों को मील में अप्रैल के बाद शामिल किए जाने की संभावना नहीं है। वर्तमान में स्कूलों में मिड-डे मील के हिस्से के रूप में छात्रों को चावल, दाल, सब्जियां, सोयाबीन और अंडे दिए जाते हैं।

विपक्ष ने Panchayat Elections से जोड़ा

इस साल होने वाले पंचायत चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने जनवरी से अप्रैल तक मिड डे मील में चिकन और मौसमी फल शामिल करने के लिए 371 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। हालांकि, विपक्ष ने ममता बनर्जी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह राज्य में पंचायत चुनावों को देखते हुए लिया गया फैसला है।

हालांकि, राज्य और केंद्र सरकार 60:40 के अनुपात में पीएम पोषण की लागत साझा करते हैं, लेकिन 372 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन पूरी तरह से राज्य की तरफ से किया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार चार महीने बाद और राशि आवंटित करेगी, स्कूल विभाग के अधिकारी ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

TMC ने लगाया विपक्ष पर हर चीज में राजनीति देखने का आरोप

मिड डे मील में चिकन देने के पश्चिम बंगाल सरकार के कदम से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। बीजेपी का कहना है कि इस साल होने वाले पंचायत चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले ऐसा निर्णय लिया गया है, वहीं टीएमसी ने विपक्ष पर हर चीज में राजनीति देखने का आरोप लगाया।

Fund की कमी से चार हफ्ते तक सीमित की गयी योजना

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पैसों की कमी के चलते योजना की अवधि को चार महीने तक सीमित किया गया है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमने छात्रों को अधिकतम लाभ प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास किया है और यह उस दिशा में एक और कदम है। हमने अपनी बचत से चिकन और मौसमी फल पेश किए हैं। हमें साल भर मेन्यू जारी रखने में बहुत खुशी होती, लेकिन इसके लिए और अधिक धन की आवश्यकता होगी, जो दुर्भाग्य से हमारे पास नहीं है।’

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी 3 जनवरी की अधिसूचना के अनुसार, चिकन और फल देने के लिए 372 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित किए जाएंगे, जो चावल, आलू, दाल, सब्जियां, सोयाबीन और अंडे के सामान्य मेनू के अतिरिक्त होंगे।