नारद स्टिंग केस में तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों और एक विधायक की गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल में सोमवार को सियासी तूफान आ गया था।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ इसी स्थिति (सीबीआई दफ्तर पर टीएमसी समर्थकों द्वारा पत्थरबाजी) पर चिंता जताते हुए बोले थे कि यह बेहद दयनीय था कि कोलकाता और प.बंगाल पुलिस मूकदर्शक बनी रही। कुछ सिलसिलेवार ट्वीट्स में उन्होंने ममता सरकार के कामकाज के तरीके पर भी सवाल उठाए थे। इसी बीच, कांग्रेस समर्थक आचार्य प्रमोद कृष्णन ने राज्यपाल पर तंज कसा। उन्होंने ट्वीट किया, “संविधान की “दुहाई” देने वाले “गवर्नर” को भी यह नहीं भूलना चाहिए कि वह “महामहिम” राज्यपाल हैं। नेता “विपक्ष” नहीं।”
हालांकि, अपनी टिप्पणी को लेकर आचार्य को ट्रोल्स और अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने निशाने पर भी लिया। @lbsingh_aai
नाम के हैंडल से कहा गया, “आप क्यों भूल रहे हैं की आप एक संत है। संत को भगवान का पुजारी होना चाहिए, न कि एक परिवार विशेष का।” @ChySanjeev ने कहा कि आप तो कुछ बोलिए ही मत। @Advice03431142 ने पूछा- बेशर्म पार्टी के बेशर्म ढोंगी, यह ज्ञान कहां था…जब इसी पार्टी से एक व्यक्ति हामिद अंसारी को 10 साल के लिए भारत का उपराष्ट्रपति बनाते हो। लेकिन वही कहते हैं कि यहां मुसलमान खतरे में हैं। कभी बोले थे उसपर?
बता दें कि इस केस में सीबीआई ने सोमवार को बंगाल के दो वरिष्ठ मंत्रियों, तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक और पार्टी के एक पूर्व नेता को गिरफ्तार किया, जिसके बाद सियासी बवाल चालू हुआ। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एजेंसी के दफ्तर में छह घंटे तक धरना दिया, जबकि उनकी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने दफ्तर के बाहर हंगामा किया और राज्य के अनेक स्थानों पर प्रदर्शन किए थे।
बाद में एक विशेष अदालत ने तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्य के मंत्रियों फरहाद हकीम तथा सुब्रत मुखर्जी, पार्टी विधायक मदन मित्रा और पार्टी के पूर्व नेता और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को जमानत दे दी। सीबीआई ने चारों नेताओं और आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा के खिलाफ अपना आरोप-पत्र दाखिल किया था। मिर्जा इस समय जमानत पर हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजनीतिक प्रतिशोध के लिए सीबीआई के इस्तेमाल का आरोप लगाया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले के संबंध में चारों नेताओं को गिरफ्तार किया था जिन्हें 2014 में कथित तौर पर एक स्टिंग ऑपरेशन में रुपये लेते हुए देखा गया था। गौरतलब है कि नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांग्रेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में एक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए थे।