पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा क्षतिग्रस्त की गई। अंडी गांव की घटना को अंजाम कुछ अज्ञातों ने दिया। शिकायत पर पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह प्रतिमा वहां के बरांचा इलाके में स्थापित थी। सूत्रों के हवाले से खबरों में यह भी कहा गया कि स्वामी जी की यही प्रतिमा मां शारदा नानी देवी शिशु शिक्षा केंद्र में लगाई जानी थी।
इसी बीच, कुछ चैनल्स के हवाले से अन्य खबरों में कहा गया कि स्थानीयों ने घटना के फौरन बाद नजदीकी पुलिस को जानकारी दी थी, जिसके बाद पुलिस कर्मचारी वहां पहुंचे। पुलिस का इस बारे में कहना है कि वह मामले की जांच कर रही है।
Watch: A statue of Swami Vivekananda was vandalised in Murshidabad district of West Bengal@prema_rajaram reports@MamataOfficial @AITCofficial pic.twitter.com/lQXVFh3VVB
— Free Press Journal (@fpjindia) February 21, 2020
इससे पहले, गुरुवार को टीएमसी चीफ और बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि धर्म हमें बंटवारे और शासन की नीति के बजाय सौहार्द सिखाता है। उनके मुताबिक, सौहार्द का प्रचार रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, गुरुनानक, गौतम बुद्ध, गांधी जी और नेताजी समेत अन्य लोगों ने किया।
बकौल मुख्यमंत्री, “इन सबने कहा कि हम एकजुट भारत से प्रेम करते हैं और हम एक-दूजे को बांटना नहीं चाहते हैं। हम इतने सारे भगवानों और देवी-देवताओं को देखते आए हैं। नवजागरण काल से आजादी के आंदोलन तक। हमारा हिंदू धर्म सार्वभौमिक है।”
बता दें कि मई 14 को तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोडशो के दौरान बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में झड़प के दौरान ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ दी गई थी।