पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर छेड़खानी का आरोप लगा है। एक महिला ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है। ममता बनर्जी ने राज्यपाल का इस्तीफा मांगा और कहा कि जब तक वह राज्यपाल बने रहेंगे, तब तक वह राज भवन के अंदर कदम नहीं रखेंगी। ममता बनर्जी ने यहां तक कह दिया कि राज्यपाल के बगल बैठना पाप है।
दादागिरी बर्दाश्त नहीं: ममता बनर्जी
ममता बनर्जी बंगाल की हुगली लोकसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा, “राज्यपाल कहते हैं दीदीगिरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लेकिन अब आपकी दादागिरी भी काम नहीं करेगी। उनके खिलाफ इस तरह के आरोप लगाए गए हैं तो वह पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं?”
छेड़खानी के आरोप को ममता बनर्जी लगातार उठा रही हैं। वहीं महिला ने इस मामले में राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिकायतकर्ता महिला ने शुक्रवार को कहा कि वह इस मामले में कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग करती हैं।
वही आरोपी को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए राज्यपाल ने कई सीसीटीवी फुटेज दिखाएं, जिसको लेकर शिकायतकर्ता महिला ने आपत्ति जताई। महिला ने कहा की फुटेज को पब्लिकली दिखाया जा रहा है, जिससे उसकी पहचान का खुलासा किया गया। महिला ने कहा कि फुटेज में कुछ भी धुंधला नहीं किया गया।
राजभवन के कर्मचारियों को लिखा था पत्र
वहीं कुछ दिन पहले ही बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने रविवार को राजभवन के कर्मचारियों को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए छेड़छाड़ के आरोपों के संबंध में पुलिस के किसी भी कम्युनिकेशन को नजरअंदाज करने को कहा था। राज्यपाल ने राजभवन के कर्मचारियों से यह भी कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान राज्यपाल के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती। राज्यपाल ने आरोपों को ‘बेतुका नाटक’ बताया और कहा कि कोई भी उन्हें ‘भ्रष्टाचार को उजागर करने और हिंसा पर अंकुश लगाने के उनके दृढ़ प्रयासों’ से नहीं रोक पाएगा।