West Bengal News: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में शुक्रवार (21 अक्टूबर, 2022) को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के उम्मीदवारों ने विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के प्रधान कार्यालय के पास से कई प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को हिरासत में लिया है। साथ ही इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं टीईटी उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को लेकर भाजपा ने राज्य की ममता सरकार पर निशाना साधा है।
पश्चिम बंगाल भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय के पास अपनी वैध मागों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे टीईटी आंदोलनकारी उम्मीदवारों पर ममता बनर्जी की पुलिस ने क्रूर बल का प्रयोग किया है। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल या हिटलर का जर्मनी?
वहीं प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि उन्होंने 2014 में टीईटी परीक्षा पास की थी, लेकिन उन्हें मेरिट सूची से हटा दिया गया था। शुरुआत में पुलिस ने साइट को खाली कराने की चेतावनी जारी की थी। हालांकि, आंदोलनकारियों ने जोर देकर कहा कि वे सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य के लिए नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के बाद भी साइट नहीं छोड़ेंगे। दोपहर 12.35 बजे तक साइट को खाली करा दिया गया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनको घसीटा। हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए उन्होंने कम से कम बल प्रयोग किया। एक प्रदर्शनकारी शिला दास ने पीटीआई को बताया कि पुलिस ने हमें घसीटा और हमें तीन प्रतीक्षारत वाहनों में डाल दिया। यहां तक कि महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने आगे दावा किया कि पुलिस ने उन पर अलोकतांत्रिक हमला किया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने घटना की निंदा की है। भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की पिटाई की। पॉल ने कहा कि पुलिस ने गुरुवार शाम के बाद महिलाओं सहित युवा प्रदर्शनकारियों को पीटा। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और 21 अक्टूबर को पुलिस की मनमानी के खिलाफ पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन होंगे।
पॉल ने इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बनर्जी ने 2014 और उसके बाद के परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले लगभग 20,000 टीईटी उम्मीदवारों को सीधे नियुक्त करने का वादा किया था, लेकिन अब केवल 6,100 पद ही क्यों भरे गए हैं? प्रदर्शनकारी 17 अक्टूबर से धरना दे रहे थे।
बता दें, आंदोलनकारियों उम्मीदवारों ने इससे पहले राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष गौतम पाल के विरोध को वापस लेने के अनुरोध को ठुकरा दिया था।