पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) चीफ ममता बनर्जी ने मनरेगा (महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी एक्ट, 2005) के तहत काम करने वाले लोगों का भुगतान करने के लिए कथित तौर पर सूबे को पैसे जारी न करने को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री ने इससे निपटने के लिए एक ”संकट प्रबंधन कोष” (स्पेशल फंड) बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कुछ विभागों को अलॉट रकम का एक हिस्सा लेकर कोष बनाया जाएगा।
बनर्जी ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर में हुई एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक के दौरान कहा, ”पिछले चार महीनों से लोगों को 100 दिन की कार्य योजना के तहत भुगतान नहीं हो पा रहा है। प्राथमिक कारण यह है कि केंद्र ने हमें इसके लिए धन नहीं दिया है। हमें वह राशि नहीं मिली है, जो मिलनी चाहिए थी।”
उन्होंने आगे बताया, ”यही वजह है कि गरीब लोग संकट का सामना कर रहे हैं…। इस स्थिति में मैं मुख्य सचिव से एक योजना बनाने के लिए कहूंगी।” मुख्यमंत्री ने कहा, ”फिलहाल, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, कृषि, पशुपालन और पंचायत जैसे विभागों को आवंटित धन के एक हिस्से को लेकर ‘संकट प्रबंधन कोष’ बनाया जाएगा।”
बुधवार (18 मई, 2022) को टीएमसी चीफ ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार महंगाई सरीखे असल मुद्दों से आम लोगों को भटकाने का प्रयास कर रही है। मेदिनीपुर कॉलेज मैदान में टीएमसी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता ने आरोप लगाया, “ केंद्र सरकार रसोई गैस, पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में इज़ाफा करके आम आदमी को लूट रही है। आम आदमी का ध्यान भटकाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार सांप्रदायिक तनाव पैदा कर रही है।” मुख्यमंत्री राज्य के पश्चिमी हिस्से में स्थित जिले के दौरे पर हैं।