पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने विपक्षी दलों के साथ “पक्षपातपूर्ण रवैया” अपनाने के लिए शनिवार को राज्य पुलिस की आलोचना की और कहा कि “इससे तो अच्छा है कि पुलिस अधिकारी अपने पदों से इस्तीफा देकर सब्जी बेचने का काम करें।” पुलिस प्रशासन पर हमला बोलते हुए घोष ने आरोप लगाया कि ज्यादातर “पुलिसकर्मियों के पास हिम्मत नहीं है” कि वह राज्य में “भ्रष्ट” तृणमूल सरकार के खिलाफ आवाज उठा सकें।

उत्तरी चौबीस परगना जिले के बेलघरिया क्षेत्र में ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम में घोष ने कहा, “कार्य में दक्ष अधिकारियों को हाशिये पर डाल दिया गया है और नकारा कर्मियों को उच्च पद दिए गए हैं ताकि वे तृणमूल के कार्यकर्ता के तौर पर काम कर सकें। उनके परिवार वाले भी उन पर हंसते होंगे।” उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार के “गिने चुने” दिन रह गए हैं। मेदिनीपुर से सांसद घोष ने कहा, “भ्रष्ट पुलिसकर्मी बेशर्म हैं। उन्हें तृणमूल के कार्यकर्ता के तौर पर काम करने की बजाय इस्तीफा देकर सब्जी बेचना चाहिए और निष्ठापूर्वक जीवन यापन करना चाहिए।”

वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने घोष को जवाब देते हुए कहा कि राज्य की पुलिस स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से काम करती है। पार्टी ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश की तरह नहीं है जहां पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ के नाम पर आतंक मचा रखा है।

बता दें कि दिलीप घोष अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। बीते दिनों ही उन्होंने अपने एक भाषण में कहा था कि उनकी सरकार बनने पर राजनीतिक विरोधियों को कपड़े उतारकर जूतों से पीटा जाएगा। दिलीप घोष ने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनावों में टीएमसी का सफाया हो जाएगा।