विश्व हिंदू परिषद (विहिप) हरियाणा ने हिंदू समुदाय को ‘विधर्मी और राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ लड़ाई’ में सहायता प्रदान करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। शुक्रवार को गुड़गांव में हुई बैठक में हरियाणा के सभी जिलों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया। बैठक में बजरंग दल के सदस्य भी शामिल हुए।

विहिप हरियाणा के सदस्यों ने कहा कि उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल की हत्या और ‘जिहादी ताकतों के बढ़ते धार्मिक कट्टरवाद’ जैसी हालिया घटनाओं को देखते हुए हिंदू समुदाय की मदद के लिए एक हेल्पलाइन जारी करना अनिवार्य था। सदस्यों ने कहा कि वे ‘आत्मरक्षा’ के लिए हथियार लाइसेंस हासिल करने के लिए धमकी मिलने वाले हिंदुओं की मदद करेंगे।

विहिप हरियाणा के अध्यक्ष पवन कुमार ने कहा, ‘आत्मरक्षा करना हर किसी का अधिकार है। आज के माहौल को देखते हुए अगर कोई व्यक्ति आत्मरक्षा के लिए लाइसेंसी हथियार रखना चाहता है तो इसमें दिक्कत क्या है? हम इसका समर्थन करते हैं। हेल्पलाइन के माध्यम से हम हिंदुओं को हथियार लाइसेंस हासिल करने में मदद करेंगे। अगर किसी को धमकी मिलती है तो हम प्रशासन से बात करेंगे और उन्हें हथियार का लाइसेंस देने को कहेंगे। हम उन्हें हथियार लाइसेंस हासिल करने के बारे में सलाह देंगे। उन्होंने कहा कि ये सब कुछ कानून के दायरे में रहकर किया जाएगा।

कुमार ने कहा, ‘ये देश विरोधी ताकतें हिंदुस्तान को कमजोर करना चाहती हैं। हिन्दू मारे जा रहे हैं। लोग करोड़ों का इनाम दे रहे हैं और नूपुर शर्मा को धमकी दे रहे हैं। हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वाले पोस्टर शेयर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है और हमने तय किया है कि हिंदू समाज चुप नहीं रहेगा। यदि कोई जिहादी हमारे हिंदू भाइयों को धमकाता या परेशान करता है तो हम उनकी सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर की घोषणा कर रहे हैं, चाहे वह कानूनी, आर्थिक या चिकित्सा सहायता हो। इस हेल्पलाइन पर कॉल करने वाले हिंदू समुदाय के लोगों को सहायता प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि हम इन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेंगे और कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे। अगर कोई सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करता है तो उसकी शिकायत दर्ज कराई जाएगी। हम कानून अपने हाथ में नहीं लेंगे। यह संदेश जाना चाहिए कि हिंदू समुदाय एकजुट है।
बता दें, रविवार को मानेसर के एक मंदिर में आयोजित एक पंचायत ने हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व करने का दावा किया था। उस बैठक में मुस्लिम दुकानदारों और विक्रेताओं के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया गया था। पंचायत में विहिप और बजरंग दल के सदस्य शामिल थे। सभा में अपने-अपने गांवों में बहिष्कार को लागू करने के लिए ग्राम-स्तरीय समितियां बनाने का आग्रह किया था। पंचायत के कई वक्ताओं ने ‘धर्म युद्ध’ के लिए हथियार उठाने की बात कही थी।