UP Shiksha Mitras: उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को कुछ दिनों में बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने शुक्रवार को विधान परिषद में कहा कि सरकार शिक्षा मित्रों के मानदेय में बढ़ोतरी की मांग पर विचार करेगी। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि इससे जुड़े जो भी फैसले लिए जाएंगे, उससे सदन को अवगत कराया जाएगा। सिंह विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के एमएलसी मान सिंह यादव के सवाल का जवाब दे रहे थे। बता दें, यूपी में शिक्षामित्रों को मासिक मानदेय के रूप में 10,000 रुपये मिलते हैं।
सपा नेता ने शिक्षामित्रों को लेकर मंत्री से क्या पूछा?
समाजवादी पार्टी के एमएलसी मान सिंह यादव ने पूछा था कि शिक्षामित्रों के मानदेय मामले में साल 2018 में हाई पावर कमेटी बनाई गई थी, उस कमेटी का आज तक कोई अता-पता नहीं है। उसका क्या हुआ? उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में मानदेय की राशि 10 हजार रुपये कर दी गई थी, जबकि सपा सरकार में समान कार्य के लिए समान वेतन के आधार पर सहायक शिक्षक के बराबर शिक्षामित्रों का मानदेय 40 हजार रुपये कर दिया गया था। इस पर मंत्री ने कहा कि 15 हजार शिक्षामित्रों को छोड़कर शेष को रिवर्ट कर दिया, जिससे मानदेय पुरानी स्थिति में पहुंच गया।
2 से 3 हजार रुपये की हो सकती बढ़ोतरी
बता दें कि प्रदेश में शिक्षा मित्रों की भी ओर से लागातार मानदेय बढ़ाने की मांग की जाती रही है। अब सरकार इस पर विचार करेगी। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार दो से तीन हजार रुपये तक मानदेय में बढ़ोत्तरी कर सकती है। जबकि शिक्षा मित्र लगातार मांग कर रहे हैं कि उनको कम से कम 30 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाए। शिक्षा मित्र ये भी कहते हैं शिक्षा मित्र इतने कम दामों में प्रतिदिन स्कूल जाकर अपनी सेवााएं दे रहे हैं। बावजूद उसके सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
साल में 12 माह और मानदेय 11 माह का
मौजूदा समय में शिक्षा मित्रों को मानदेय 11 माह का मिलता है। जबकि साल में 12 महीने होते हैं। शिक्षा मित्र कहते हैं कि सरकार शिक्षकों को उनका वेतन पूरे 12 माह का देती है तो शिक्षा मित्रों के साथ ये अन्याय क्यों? हालांकि इस पर सरकार का अगला कदम क्या होगा ये स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन सदन में घोषणा के बाद एक बार फिर से शिक्षा मित्रों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
बता दें कि शिक्षामित्रों की मांग है कि उनको फिर से नियमित कर सहायक अध्यापक बनाया जाए। बड़ी संख्या में शिक्षामित्र टीईटी पास हैं। उनके लिए नियमों में शिथिलता बरत कर नियुक्ति की जाए। इतना ही नहीं शिक्षामित्र चाहते हैं कि जब तक उनका नियमितीकरण नहीं होता है, तब तक उनको समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए।
शिक्षामित्रों का मानदेय कम से कम 30 हजार रुपये किया जाए: शिव कुमार शुक्ला
इस बारे में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला कहते हैं कि प्रदेश के शिक्षामित्र पिछले 22 सालों से परिषदीय विद्यालयों पढ़ा रहे हैं आज इस भीषण महंगाई के समय में मात्र 10000 रुपये मानदेय उनको मिल रहा है जिससे उनके परिवार का भरण पोषण होना मुश्किल है । संगठन की प्रदेश सरकार से मांग है की मानदेय कम से कम 30000 रुपये किया जाए, जिससे कि उनके परिवार का भरण पोषण ठीक से हो सके उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो।
शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने क्या कहा?
शिक्षा मित्रों के मामले में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्रा संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लगभग 137000 शिक्षामित्र का समायोजन सुप्रीम कोर्ट के निरस्त करने के उपरांत जुलाई 2017 से 10000 रुपये मानदेय दिया जा रहा है जो की बहुत कम है, जबकि आज महंगाई के क्रम में मिड डे मील में 2017 से लेकर अब तक लगभग 35 % की बढ़ोतरी की गई है, लेकिन शिक्षामित्र को आज भी 10000 ही मिल रहा है बेसिक शिक्षा मंत्री जी द्वारा जो मानदेय बढ़ाने की बात की गई है उसका संगठन स्वागत करता है, लेकिन मानदेय जल्द बढ़ना चाहिए।
69,000 शिक्षक नियुक्ति मामले पर क्या बोले मंत्री?
मंत्री संदीप सिंह ने 69,000 शिक्षक नियुक्ति के मुद्दे पर एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मामला अदालत में लंबित है और सरकार अदालत के फैसले पर पहुंचने के बाद ही कोई फैसला करेगी। विधान परिषद में सदन के नेता केशव प्रसाद मौर्य ने एक चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार विधायकों के वेतन/भत्ते में बढ़ोतरी पर विचार करने के लिए जल्द ही एक समिति बनाएगी।
मौर्य ने शून्यकाल के दौरान भाजपा एमएलसी उमेश द्विवेदी द्वारा उठाए गए मुद्दे का जवाब दिया, जिन्हें इस मुद्दे पर पार्टी लाइनों से परे सदस्यों का समर्थन मिला। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने सरकार से सदस्यों की दलीलों को ध्यान में रखते हुए जवाब जारी करने को कहा। इस पर मौर्य ने कहा कि वह इस मामले को उच्च स्तर पर उठाएंगे।