योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को इकाना स्टेडियम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। वे लगातार दूसरी बार सूबे के मुख्यमंत्री बने हैं। गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़कर जीतने वाले योगी आदित्यनाथ की छवि ‘एंग्री यंग मैन’ वाली रही है। उनकी इस छवि की कहानी 28 साल पहले शुरू होती है।

28 साल पहले मार्च, 1994 में गोरखनाथ मंदिर ट्रस्ट के एमपी इंटर कॉलेज के कुछ छात्रों का एक दुकानदार से विवाद हो गया था। ये छात्र कपड़ा खरीदने गए थे लेकिन वहां किसी बात को लेकर दुकानदार से विवाद हो गया। इस दौरान दुकानदार ने छात्रों पर रिवॉल्वर तान लिया और वे लड़के वहां से भाग गए। उस वक्त 22 साल के योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में करीब 50 छात्रों ने गोरखपुर में एसएसपी आवास के बाहर प्रदर्शन किया। इस युवा संन्यासी ने पुलिस के खिलाफ आवाज बुलंद की।

युवा संन्यासी के तेवर देखकर सभी दंग रह गए थे और पूछने लगे कि इस संन्यासी का नाम क्या है। फिर किसी ने बताया कि इनका नाम योगी आदित्यनाथ है। इस घटना ने योगी आदित्यनाथ को छात्र नेताओं के बीच ‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में स्थापित कर दिया था। इसके बाद से छात्र अपनी हर छोटी-मोटी समस्या लेकर योगी आदित्यनाथ आने लगे थे। गोरखपुर विश्वविद्यालय के सवर्ण छात्र नेताओं को इस ‘एंग्री यंग मैन’ में हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे महंत दिग्विजयनाथ की ‘छवि’ दिखी और इसके बाद वे लोग उनके साथ जुड़ने लगे थे।

योगी आदित्यनाथ को उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ ने 1998 में अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था। महंत अवैद्यनाथ के राजनीति से बाहर होने के बाद भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर सीट से लोकसभा चुनाव में उतार दिया। 1998 में 26 वर्ष की उम्र में योगी आदित्यनाथ लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज सबसे युवा सांसद के तौर पर दिल्ली पहुंचे। गोरखपुर सीट से पांच बार सांसद चुने गए योगी आदित्यनाथ ने 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, एक बार फिर, 2022 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर शहर सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव में वो उतरे और बड़ी जीत दर्ज की।