यूपी की पुलिस की गजब है। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा जब उनके हाथ नहीं लगा तो वो उसके घर पर ही ढोल नंगाड़े लेकर पहुंच गई। पूरे तामझाम के साथ उनके घर पर नोटिस चस्पा किया गया। हालांकि सोशल मीडिया पर कुछ लोगों को पुलिस का ये रवैया रास नहीं आया तो फिलहाल बीजेपी के नजदीक जा रहे ओपी राजभर से भी लोगों ने तीखे सवाल किए।
अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से मऊ से विधायक हैं। आर्म्स एक्ट से जुड़े मामले में यूपी की कोर्ट ने उनके गिरफ्तारी वारंट निकाल रखे हैं पर अब्बास हैं कि पुलिस के हाथ ही नहीं लग रहे। पुलिस उनको यहां वहां तलाश कर रही है। खीझ में आकर उनसे जुड़े लोगों की संपत्ति जब्त करने के साथ निर्माण कार्यों को धूल में मिलाने की कार्रवाई भी हो रही है। पुलिस का कहना है कि मुख्तार को बख्शा नहीं जाएगा। उनसे जुड़े हर शख्स की बारीकी से निगरानी की जा रही है।
उधर तमाम घटनाक्रमों के बीच बीजेपी से नजदीकी बढ़ाने में लगे ओपी राजभर ने मुख्तार अंसारी का पक्ष लिया है। उन्होंने कहा कि मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी उनकी पार्टी के विधायक हैं। उन्हें बचाने की जिम्मेदारी उनकी है। उनका यहां तक कहना है कि अगर उनकी पार्टी का भाजपा से गठबंधन होता है तो मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसरी भी उनके साथ दिखेगा।
ध्यान रहे कि राजभर ने 2022 का असेंबली चुनाव अखिलेश यादव के साथ गठबंधन करके लड़ा था पर फिर दोनों के बीच तल्खी दिखने लगी। माना जा रहा है कि ओपी राजभर का सपा से गठबंधन टूट सकता है। राजभर खेमा बदल सकते हैं। अगर वो बीजेपी के साथ गए तो तकनीकी रूप से अब्बास अंसारी को भी उनके साथ जाना होगा। अब्बास सुभासपा से ही विधायक हैं।
ओपी राजभर को योगी सरकार ने शुक्रवार को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है। इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारे में उनके 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। ऐसे में योगी की पुलिस जिस तरह से अंसारी परिवार पर हमलावर है उसमें सोशल मीडिया पर राजभर से सवाल पूछे जा रहे हैं। एक शख्स का कहना था कि सुभासपा चीफ कर क्या रहे हैं। वो तो अब बीजेपी के साथ हैं तो अब्बास को क्यों नहीं बचाते।