भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को एमएलसी चुनावों के लिए 30 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दी है। भाजपा ने एमएलसी चुनाव के लिए अरुण कुमार यादव को भी टिकट दिया है, जिनके पिता रमाकांत यादव फूलपुर पवई से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुनकर आए हैं। अरुण 2017 के चुनाव में फूलपुर-पवई विधानसभा सीट से चुने गए थे। हालांकि, इस बार बीजेपी ने उन्हें उनके पिता के खिलाफ चुनाव मैदान नहीं उतारने का फैसला किया था।

इसके अलावा, भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले सपा छोड़ने वाले चार एमएलसी को टिकट दिया है। इनमें बलिया से रविशंकर सिंह ‘पप्पू’, झांसी-जालौन-ललितपुर से रमा निरंजन, गोरखपुर-महाराजगंज से सीपी चंद और बुलंदशहर से नरेंद्र भाटी हैं। रविशंकर सिंह ‘पप्पू’ पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पौत्र हैं।

भाजपा ने रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया है। दिनेश प्रताप सिंह दो बार कांग्रेस से एमएलसी रह चुके हैं। भाजपा ने युवा मोर्चा के अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी को इटावा-फर्रुखाबाद से मैदान में उतारा है। वह भाजपा के फर्रुखाबाद विधायक सुनील दत्त द्विवेदी के चचेरे भाई हैं।

भाजपा ने 36 स्थानीय प्राधिकरणों में से 30 के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। एमएलसी चुनाव के लिए 21 मार्च तक नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं। एमएलसी चुनाव के लिए 9 अप्रैल को मतदान होगा, नतीजे 12 अप्रैल को घोषित किए जाएंगे।

आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

उधर, विधानसभा चुनावों में सपा गठबंधन की हार के बाद सहयोगी दल आरएलडी में बगावत की आवाजें उठने लगी हैं। पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मसूद अहमद ने हालिया विधानसभा चुनाव में टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मसूद अहमद ने पार्टी के मुखिया जयंत चौधरी को पत्र लिखकर गठबंधन नेतृत्व पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया। साथ ही अहमद ने यहा भी कहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव जब तक बराबर का सम्मान नहीं देते हैं, इस गठबंधन को स्थगित किया जाए। बता दें कि आरएलडी ने विधानसभा चुनावों में 8 सीटों पर जीत हासिल की है।