आजमगढ़-मऊ से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी अरुण कुमार यादव के विरुद्ध अपने बेटे विक्रांत सिंह उर्फ रिशू को चुनाव लड़ाना भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह को भारी पड़ गया। बीजेपी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एमएलसी यशवंत सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
एमएलसी चुनाव में भाजपा ने फूलपुर के पूर्व विधायक अरुण कुमार यादव को प्रत्याशी बनाया थआ। यशवंत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया। माना जा रहा था कि विक्रांत मैदान से हट जाएंगे लेकिन वो नहीं माने। यशवंत सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खास माने जाते रहे हैं। योगी ही उन्हें सपा से बीजेपी में लेकर आए थे। उससे पहले वो मायावती की बसपा के प्रमुख नेता माने जाते थे।
उत्तर प्रदेश में एमएलसी की कुल 36 सीटों का चुनाव 9 अप्रैल को हुआ लेकिन इनमें से 9 सीटों पर मतदान से पहले ही फैसला हो चुका है और इन सीटों पर बीजेपी के 9 प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए गए थे। हालांकि 9 को हुए मतदान को लेकर विपक्ष ने सरकार पर कई सवाल भी दागे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर इलेक्शन में धांधली का आरोप लगाते हुए एक वीडियो शेयर किया था।
सोशल मीडिया पर लोगों ने बीजेपी और यशवंत सिंह को जमकर आड़े हाथ लिया। राधे श्याम ने लिखा- दिखाने के लिए निष्कासित किया है जिले की पुरी टीम उनके बेटे को जिताने में लगी है। लल्लन कुमार का कहना था कि इस तरह के दल बदलु नेतागण किसी भी पार्टी के करीबी नेता नही हो सकते ये तो किसी तरह सत्ता हासिल करने के फिराक मे लगे होते है।
एक ने लिखा- ये भगोड़े नेता किसी करीबी नही है सिर्फ सत्ता के करीबी में रहते हैं। हर्षबर्धन कुमार ने लिखा कि अगर बेटे की बगावत के कारण MLC यशवंत सिंह, BJP से निष्कासित हो सकते हैं, फिर रीता बहुगुणा के बेटे औऱ संघमित्रा मौर्या के बाप ने विधानसभा चुनाव में बगावत की थी, फिर ये लोग कब निष्कासित होंगे?