उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी में जंग जारी है। राज्य में कुल 36 सीटों पर एमएलसी चुनाव होने हैं। इस बीच एटा में सपा प्रत्याशी उदयवीर सिंह का पर्चा छीनने और उनसे मारपीट का मामला सामने आया है। घटना सोमवार की है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी उदयवीर कलेक्ट्रेट परिसर में एटा-मैनपुरी-मथुरा स्थानीय निकाय सीट से नामांकन के लिए पहुंचे थे। जैसे ही वह गेट पर पहुंचे कुछ अज्ञात लोगों ने उनका पर्चा छीनकर फाड़ दिया। अब सपा प्रत्याशी का इसे लेकर बयान सामने आया है।

उदयवीर ने पुलिस और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, ” पहले दिन जब हमने पहला सेट फाइल किया तो रिटर्निंग ऑफिसर (RO) ने एक गलत ऑब्जेक्शन किया कि यह सही फॉर्मेट में नहीं है। इसे सही करके दे दीजिएगा। जबकि एफिडेबीट सही फॉर्मेट में था, लेकिन हमने तहा चलिए ठीक है। जब हम दोबारा पर्चा देने गए जैसे ही हम कलेक्ट्रेट के सामने उतरे वहां कई लोग मौजूद थे, जो वकील से हमारा और राकेश यादव का पर्चा छीनकर भाग गए। जिसने छीना था उसे लोगों ने पकड़ लिया। पुलिस ने पकड़ने वालों को पीटा और पर्चा छीनने वाले को छुड़वा के भगा दिया।”

उन्होंने कहा, “कलेक्ट्रेट के गेट पर भाजपावालों का कब्जा था। पुलिस बाहर थी और कार्यकर्ता अंदर थे। गेट खोलने को और पुलिस की बात सुनने को तैयार नहीं थे। काफी देर बाद किसी तरह गेट में तीन लोगों को जाने दिया। जब हम आरो के दफ्तर के पास पहुंचे तो वहां कम से कम 100 लोग थे। गाली दे रहे थे और कह रहे थे अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। केवल 20 मिनट बचे थे। उन्होंने हाथापाई शुरू कर दी और धक्का मारकर किसी को पहुंचने नहीं दिया। उस दिन आरो का दफ्तर बंद हो गया। हमने चुनाव आयोग से शिकायत की।”

उदयवीर ने आगे आरोप लगाते हुए कहा, “हमारा एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में राज्य निर्वाचन आयोग से मिला। हमारे वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में चुनाव आयोग से बात की। दोनों प्रत्याशी खुद वहां के पर्यवेक्षक नरेंद्र यादव से मिले। हमने पूरा वक्या बताया। हमने उनसे कहा कि आप हमरा एफिडेबिट ले लिजिए और उसे जमा करा दीजिए। क्योंकि जब कलेक्ट्रेट और आरो दफ्तर पर बीजेपी के लोगों का कब्जा है, जहां केवल प्रस्तावक और उम्मीदवार जा सकते हैं वहां पहले से 100-100 लोग बैठे हैं। पुलिस कुछ नहीं कर रही तो हम क्या करेंगे। उन्होंने हमे आश्वस्त किया कि कल ऐसा नहीं होगा। हमने शाम को एसएसपी से बात की। उन्होंने रात से ही हमारा फोन उठाना बंद कर दिया। हमने 20 बार उन्हें फोन किया, लेकिन उन्होंने नहीं उठाया। डीएम से सुबह बात हुई। उन्होंने कहा कि कोई दिक्कत नहीं होगी।”

उदयवीर ने आगे कहा, “अगले दिन हम लोग चुनाव आयोग, डीएम और जिलाधिकारी के आश्वासन वहां गए। हमें पहले ही सूचना मिल गई थी कि कलेक्ट्रेट ऑफिस के बाहर पुलिस के साथ भाजपा के लोग हैं। पथराव करेंगे आपकी जान को खतरा है मत जाएं, लेकिन हम लोग गए। हमारी आगे की गाड़ियां निकल गईं। पीछे की दो गाड़ियों पर पथराव हुआ।”

उदयवीर ने यह भी कहा, “हम लोग बैरिकेड पर पहुंचे। वहां एएसपी मौजूद थे। उन्होंने हमारी एंट्री कराई और कहा कि केवल प्रस्तावक और उम्मीदवार जाएंगे। आपके सरकारी गनर भी नहीं जाएंगे। हम तीनों लोगों जब अंदर पहुंचे तो वहां पहले भाजपा प्रत्याशी, भाजपा के विधायक, ब्लॉक प्रमुख, बहुत सारे सभासद और बहुत सब लोग इकट्ठा होकर बैठे थे। उन्होंने जाते ही कहा कि पहले हम आए हैं और पहले हम जाएंगे। जबतक हम नहीं जाएंगे आप यहीं खड़े रहिए। हमने कहा कि आपको जाना है तो जाइए, औरों के दफ्तर तो कोई कभी भी जा सकता है। वहां जो क्रम होगा उसके हिसाब से बुला लिया जाएगा, लेकिन वो नहीं माने और हाथापाई करने लगे।”

उदयवीर ने आगे कहा, “हमारे दूसरे साथी राकेश यादव को धक्का मारकर उन्होंने पीछे धकेल दिया। हम किसी तरह उनसे छूटकर आगे निकले और दौड़कर कलेक्ट्रेट के गेट पर पहुंचने की कोशिश की। गेट पहले से पुलिस बंद की हुई थी। सैंकड़ों की संख्या में पुलिसवाले मौजूद थे। जब मैं दौड़कर कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंचा तो पुलिसकर्मियों ने मुझे रोक दिया। उन्होंने मुझे भाजपावालों के हाथों में दे दिया। 200-250 पुलिसवाले तमाशा देखते रहे। उन्होंने मेरा कुर्ता फाड़ा। कुर्ते में मेरा एफीडेबिट था उसे फाड़ा। उसके बाद हमें धक्का मारकर वापिस भेज दिया।”

उदयवीर ने यह भी कहा, “फिर हम लोग बैरिकेड के पास पहुंचे। करीब 20 मिनट तक ऐसा होता रहा। 11 बजने वाले थे तब वहां के एडिशनल एसपी ने कहा चलिए मैं आपको ले चलता हूं। हमने कहा आपने टाइम निकाल दिया। उन्होंने कहा कि आप जाना नहीं चाहते तो मना कर दीजिए। फिर आरो ऑफिस गए। हमने एक सेट दिया। आरो ने हमारे सामने पर्चे की कोई स्क्रूटनी नहीं की और कहा आप लोग जाइए। हम अपना निर्णय आपको बता देंगे। बाद में हमें पता चला कि पर्चे खारिज कर दिया गया।”