यूपी में पुलिस की गोलियों से बिना अपराध मारे गए एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी के परिवार की मांगें प्रशासन ने मान ली हैं। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए लखनऊ जिले के डीएम कौशल किशारे शर्मा ने इसकी जानकारी दी।
एएनआई के मुताबिक, डीएम ने कहा,” विवेक तिवारी के परिवार की सभी मांगें मान ली गईं हैं। उन्हें मांगों का स्वीकृति पत्र लिखित में भी दे दिया गया है। अगर वे सीबीआई जांच की मांग करते हैं, तब वह भी करवाई जाएगी। मृतक की पत्नी को नगर निगम में नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपये भी दिए जाएंगे। जांच को 30 दिनों के भीतर पूरा करने का लिखित आश्वासन दिया गया है।”
All demands of the family sanctioned, given in written. If they want CBI enquiry, then it will be initiated.Job will be given to his wife&Rs. 25 lakhs will be given as compensation. Enquiry will be completed within 30 days: Lucknow DM on Vivek Tiwari shot at by police constable. pic.twitter.com/cZUPJu2iSw
— ANI UP (@ANINewsUP) September 29, 2018
वहीं मृतक विवेक तिवारी के भाई ने एएनआई से कहा,” हमारी सिर्फ तीन ही मांगें थीं। जांच के लिए एसआईटी गठित की जाए, पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए, उचित मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा हम लोग योगी जी का यहां आने का इंतजार कर रहे हैं। अगर वह नहीं आते हैं तो हम लोग विवेक का शव अपने घर ले जाएंगे।”
बता दें कि लखनऊ के गोमती नगर में शनिवार (29 सितंबर) को तड़के 1.30 बजे मकदूमपुर पुलिस चौकी के पास दो सिपाहियों ने एसयूवी में सवार ‘एप्पल’ के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी थी। दोनों ही सिपाहियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा उन्हें बर्खास्त करने के आदेश भी दिए गए हैं।
We’ve 3 demands: SIT to be formed for probe,job for his wife&right amount of compensation.Also,we’re waiting for Yogi ji to come here,else we’ll take Vivek’s body to his residence. If he can’t come, we’ll go: Brother of Vivek Tiwari who was shot at by police last night in Lucknow pic.twitter.com/izfzDg028M
— ANI UP (@ANINewsUP) September 29, 2018
बाद में यूपी के एडीजी (लॉ एंड आॅर्डर) आनंद कुमार ने एएनआई से कहा,”यूपी के डीजीपी ने इस मामले में एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। एसपी क्राइम और एसपी ग्रामीण लखनऊ टीम के अन्य सदस्य होंगे। वे जल्द से जल्द इस मामले में अपनी रिपोर्ट देंगे।”
जबकि यूपी सरकार के मंत्री आशुतोष टंडन ने एएनआई से कहा,” दोबारा मामले की एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। गोमती नगर पुलिस अब मामले की जांच नहीं करेगी। इस मामले की जांच कोई अन्य पुलिस स्टेशन करेगा। डीएम लखनऊ ने इस मामले में न्यायालयी जांच के आदेश दिए हैं। मैंने एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। ये एक अपराध है। इस मामले में शामिल पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। उन्हें बर्खास्त भी कर दिया गया है।”
कांग्रेस पार्टी ने योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि नागरिक जीवन की हत्या है। इसकी जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।