लखीमपुर कांड में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की मंगलवार को सत्र न्यायालय में पेशी हुई। लखीमपुर कांड में मुख्य आरोपी पर आरोप तय होने हैं और पेशी पर आशीष मिश्र को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सत्र न्यायालय में ले जाया गया। इस दौरान आशीष मिश्र ने अपना रौब दिखाया। दरअसल जब पुलिसकर्मी उसे पकड़कर पेशी के लिए ले जा रहे थे, उस दौरान आशीष मिश्रा अपनी मूछों पर ताव देता नजर आया।

मूछों पर ताव देते हुए आशीष मिश्रा आगे बढ़ रहा था और इस दौरान उसकी चाल ये बता रही थी कि उसे कोई डर नहीं है। उसकी चाल में उसका रौब झलक रहा था। मानो वह ये बताना चाह रहा हो कि वो कोई आम व्यक्ति या आरोपी नहीं है। इस दौरान वहां पर मीडिया भी मौजूद थी और आशीष ने मीडियाकर्मियों से कहा कि सरेंडर किया हूं भाई, कोई ऐसा-वैसा मामला नहीं है।

वहीं लखीमपुर खीरी कांड को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को तल्ख़ टिप्पणी की थी। हाईकोर्ट ने हिंसा में शामिल 4 अन्य आरोपियों अंकित दास, सुमित जायसवाल, लुवकुश और शिशुपाल की जमानत अर्जी ख़ारिज कर दी।

इस दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर केन्द्रीय राज्य मंत्री ने किसानों के लिए कथित धमकी भरे बयान न दिए होते तो शयाद ये दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा न होती। कोर्ट ने कहा कि उच्च पद संभालने वाले व्यक्तियों को सार्वजनिक बयान सोच कर देना चाहिए और ये ध्यान रहे कि उसका अंजाम क्या होगा।

कोर्ट ने ये भी पूछा कि जब उस दौरान (3 अक्टूबर 2021) क्षेत्र में धारा 144 लगी हुई थी, तो दंगल का आयोजन क्यों किया गया और केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री वहां पर मुख्य अतिथि के रूप में क्यों गए? राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने आरोपियों की जमानत अर्जी का विरोध किया।

बता दें कि आशीष मिश्र को फरवरी में इलाहबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। लेकिन अप्रैल महीने में जमानत अर्जी रद्द करने की याचिका पर फैसले सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी थी और उसे 1 हफ्ते के अन्दर सरेंडर करने को कहा था। आशीष मिश्र ने हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दुबारा जमानत अर्जी दाखिल की है, जिसपर 25 मई को सुनवाई होगी।