उन्नाव। उन्नाव में नाम वापसी के दिन सपा प्रत्याशी मालती रावत की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ मुलाकात ने भूचाल ला दिया। पार्टी के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र यादव ने उनकी प्रत्याशिता समाप्त कर जिला पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही है। अब हालात यह है कि उन्नाव में भाजपा को अपने ही दल के विद्रोही प्रत्याशी से मुकाबला करना पड़ेगा। दूसरी तरफ सपा जिलाध्यक्ष ने एक पत्र जारी कर पार्टी के जिला पंचायत सदस्यों से चुनाव में अपने विवेक के आधार पर मतदान करने का आग्रह किया है। फिलहाल सपा आलाकमान अथवा प्रत्याशी ने चुनाव आयोग को इस बारे में कोई सूचना नही दी है।

शुक्रवार को नाम वापसी के दिन समाजवादी पार्टी के कार्यालय में पूर्व विधायक उदयराज यादव, बदलू खां, एमएलसी सुनील सिंह साजन तथा पार्टी के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह इंतजार करते रहे लेकिन पार्टी प्रत्याशी मालती रावत बिना किसी सूचना के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मिलने लखनऊ पहुंच गई। सपा नेताओं ने प्रत्याशी मालती रावत को कई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। पार्टी नेता कलेक्ट्रेट पहुंचे तो वहां कर्मचारियों ने गेट बंद कर दिया। पूर्व विधायक उदयराज यादव ने डीएम व एसपी को फोन पर कुछ गलत होने पर कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी। हालांकि अफसरों ने सब कुछ निष्पक्ष ढंग से कराने का आश्वासन दिया। दोपहर साढ़ तीन बजे डीएम रवीन्द्र कुमार ने मैदान में तीनों प्रत्याशी होने की जानकारी दी।

उल्लेखनीय हो कि जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा में अंत तक आम सहमति न बन पाने से पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी शकुन सिंह के अलावा पार्टी के ही पूर्व प्रत्याशी अरुण सिंह ने भी नामजदगी का पर्चा दाखिल किया था, जबकि सपा ने अपने दल से मालती रावत को प्रत्याशी बनाकर नामांकन कराया था। नाम वापसी के दिन सपा प्रत्याशी के साथ साथ भाजपा से दो में से एक को चुनाव में उतारने की योजना के तहत भाजपा की जिला इकाई सवेरे ही अपनी रणनीति तैयार कर उन्हें लेकर प्रदेश मुख्यालय पहुंच गई।

नामांकन के एक दिन पूर्व माखी गांव की दुष्कर्म पीड़िता ने भाजपा के घोषित प्रत्याशी अरुण सिंह का विरोध किया था। इसके बाद पार्टी आलाकमान ने आनन-फ़ानन में अरुण सिंह की जगह बाहुबली पूर्व एमएसी स्व. अजीत सिंह की पत्नी शकुन सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर देर शाम प्रेसवार्ता करने की बात कही लेकिन इस बीच पूर्व प्रत्याशी अरुण सिंह द्वारा पार्टी के बड़े नेताओं के समक्ष अपने को पाक साफ बताते हुए सीबीआई द्वारा क्लीन चिट दिये जाने का मुद्दा उठाया जिसके चलते शकुन सिंह के समर्थन में होने वाली प्रेसवार्ता स्थगित कर दी गई। जिलाध्यक्ष राजकिशोर रावत ने कहा था कि प्रकरण पर विचार करके शुक्रवार देर शाम तक निर्णय लिया जाएगा, परन्तु ऐसा हो नहीं सका।

इसकी वजह से दो धड़ों में बंटी भाजपा में सांसद और सदर विधायक का गुट अरुण सिंह तो सांगठनिक अमले के अलावा बाकी बचे विधायक शकुन सिंह का समर्थन करते देखे गये। उन्नाव में जिला पंचायत के 51 सदस्य हैं, जिसमे भाजपा समर्थित 9 और सपा समर्थित 19 जिला पंचायत सदस्यों ने अपनी जीत दर्ज कराई है। इन सबसे अलग अपना सियासी अस्तित्व खो चुकी बसपा यहां मात्र 3 सीटों पर सिमट कर रह गई जबकि उन्नाव में निर्दलीय सदस्यों की संख्या 20 है। जो किसी भी पार्टी प्रत्याशी के जीत हार का कारण बनेगी।