उत्तर प्रदेश में राजनीति में इस वक्त बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। एक तरफ सपा खेमे में उथल-पुथल मची हुई है। वहीं, दूसरी तरफ आज गुरुवार को मायावती के करीबी माने जाने वाले भाजपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने उनके आवास 5 कालिदास मार्ग पर पहुंचे। उनके साथ बसपा के एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह भी मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक यह मुलाकात मायावती सरकार के दौरान बनी इमारतों की रखरखाव में गड़बड़ी को लेकर हुई है।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा कि बसपा शासनकाल में बने स्मारकों के रखरखाव में भारी लापरवाही की एक विस्तृत रिपोर्ट हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि वे इस मसले पर उचित कार्यवाही करेंगे।

मायावती ने कहा कि बीते 10 सालों में बसपा शासनकाल में बनाए गए पार्को और स्मारकों की देखभाल नहीं होने की वजह से बदहाल व्यवस्था हो गई है। इस पर तत्काल यूपी सरकार को ध्यान देना चाहिए। मैंने पहले भी इसे लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी। अब बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा और विधायक उमाशंकर सिंह पत्र लेकर व्यवस्था को बेहतर करने की अपील करने गए हैं।

समाजवादी पार्टी पर बोला हमला: बसपा प्रमुख मायावती ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा दिए गए बयान का खंडन करते हुए, सपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि “राजनीति मेरा संघर्ष है इसलिए मैं दोबारा उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और देश की प्रधानमंत्री बनकर ही कार्य करना पसंद करूंगी न कि राष्ट्रपति बनकर। उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत के लिए समाजवादी पार्टी जिम्मेदार है। समाजवादी पार्टी मुझे जबरन देश का राष्ट्रपति बनाने का सपना देख रही है, जिससे उत्तर प्रदेश में आने वाले चुनावों में मुख्यमंत्री बनने का उनका रास्ता साफ हो जाए”

गौरतलब है बुधवार (27 अप्रैल, 2022) को मीडिया से बातचीत करते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि “विधानसभा चुनाव 2022 में मायावती जी ने अपना सारा वोट भाजपा को ट्रांसफर कर दिया। वह केवल इस बात का इंतजार कर रही है कि आने वाले राष्ट्रपति चुनाव में क्या भाजपा उन्हें राष्ट्रपति बनाएगी।”