एक तरफ बिल्डरों की मनमानी और रख-रखाव शुल्क से त्रस्त 95 फीसद रकम दे चुके खरीदार किसी भी तरह फ्लैट की चाबी लेने के लिए प्राधिकरण व बिल्डर कंपनियों के धक्के काट रहे हैं। वहीं प्राधिकरण अधिकारियों ने नियम-शर्तों के अनुपालन को जरूरी बताकर बगैर कंप्लीशन मिले फ्लैट का कब्जा लेने से खरीदारों को सचेत किया है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा में कई बिल्डरों के हाल के दिनों में अवैध रूप से कब्जा देने के कई मामले सामने आने के बाद प्राधिकरण ने मशविरा और निर्देश जारी किए हैं। प्राधिकरण सीईओ की तरफ से जारी एडवाइजरी में ग्रुप हाउसिंग और बिल्डरों को सिर्फ फिट आउट के नाम पर खरीदार या निवेशकों को फ्लैट का कब्जा देने को पूरी तरह से गलत बताया है।
ऐसे बिल्डरों की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। अधिकारियों के मुताबिक, शहर में करीब 60 हजार से ज्यादा फ्लैट तकरीबन तैयार होने के करीब हैं। देरी से छटपाते हुए खरीदारों को कुछ बिल्डर फिट आउट के नाम पर कब्जा दे रहे हैं। स्थिति में खरीदार को फ्लैट का कब्जा तो मिल जाएगा लेकिन कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिलने की वजह रजिस्ट्री या मालिकाना हक नहीं मिलेगा।
उन्होंने बताया कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट देने से पहले इमारत की ढांचागत सुरक्षा, दमकल, विद्युत आपूर्ति, पर्यावरण, लिफ्ट सुरक्षा आदि के तय मानक के अनुसार जांच की जाती है। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ही प्राधिकरण की तरफ से बिल्डर को कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।