पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्‍तार अंसारी के साले आतिफ रजा उर्फ सरजील रजा को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरजील रजा की जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया है। हाईकोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई में राज्‍य सरकार की ओर से काउंटर एफिडेविट दाखिल किया गया था। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने आतिफ को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। बता दें कि आतिफ ने कैंसर का इलाज कराने के लिए जमानत याचिका दाखिल की थी।

कोर्ट ने पहले ही कैंसर से पीड़ित सरजील का इलाज पीजीआई या केजीएमयू में कराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि दोनों जगह में जहां कैंसर के विशेषज्ञ डाक्‍टर हो वहां पर इलाज कराएं। बता दें कि सलजील रजा कैंसर रोग से जूझ रहा है। सरजील रजा के खिलाफ गैंगस्‍टर एक्‍ट में 10 अप्रैल 2023 को गाजीपुर कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। सरजील रजा की जमानत अर्जी पर एडवोकेट उपेंद्र उपाध्‍याय ने अदालत में अपना पक्ष रखा। ईडी में दर्ज मनी लांड्रिंग के केस में लखनऊ जेल में आतिफ रजा उर्फ सरजील बंद है। न्‍यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्‍तव का सिंगल बेंच ने यह आदेश दिया है।

मुख्‍तार अंसारी का जन्‍म गाजीपुर जिले के मोहम्‍मदाबाद में 3 जून 1963 को हुआ था। उसके पिता का नाम सुबहानउल्‍ला अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था। गाजीपुर में मुख्‍तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है। 17 साल से अधिक समय से जेल में बंद मुख्‍तार अंसारी के दादा डॉ मुख्‍तार अहमद अंसारी स्‍वतंत्रता सेनानी थे। गांधी जी के साथ काम करते हुए 1926-27 में कांग्रेस के अध्‍यक्ष भी बने।