उत्‍तर प्रदेश की पूर्व मुख्‍यमंत्री और बसपा नेता मायावती को आय से अधिक संपत्ति के मामले में केंद्र सरकार से थोड़ी राहत मिली है। लेकिन उन पर भ्रष्‍टाचार के कुछ नए मामले चल सकते हैं। बुधवार (13 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी कथित अवैध संपत्ति से जुड़े एक मामले पर सुनवाई करना मंजूर कर लिया। हालांकि, इस मामले में केंद्र सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि अब मायावती के खिलाफ नई शिकायत दर्ज करने का ‘कोई नया आधार नहीं बनता’। यह मामला ऐसे समय कोर्ट गया है जब यूपी में तमाम दिग्‍गज अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। मायावती के खिलाफ शिकायत उनकी ही पार्टी के एक पूर्व सदस्‍य ने की है। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह तुरंत कोई आदेश तो जारी नहीं करेगा, लेकिन अर्जी पर सुनवाई जरूर करेगा।

केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि मायावती को आयकर विभाग से क्‍लीन चिट मिल गई है। अब हमारे पास कोई नया सबूत नहीं है, तो नई एफआईआर दर्ज करने का क्‍या तुक है? मायावती के वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता ने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिए जाने पर बदले की भावना से अर्जी दायर की है।  60 साल की मायावती तीन बार उत्‍तर प्रदेश की मुख्‍यमंत्री रही हैं। वह फिलहाल राज्‍यसभा सांसद हैं। अगले साल उत्‍तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव उन्‍होंने अकेले लड़ने का फैसला किया है, लेकिन कई बड़ी पार्टियां उन्‍हें अपने पाले में करने की कोशिश में हैं।