बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर एक ताजा सर्वेक्षण की आड़ में गुरुवार को मीडिया पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि मीडिया के पंूजीपति मालिकान अपने पक्ष में काम करने वाली पार्टियों के पक्ष में सर्वे के जरिए बसपा कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने की कोशिश कर रहे हैं। मायावती ने पार्टी के सभी प्रदेशस्तरीय वरिष्ठ पदाधिकारियों की महत्त्वपूर्ण बैठक में पार्टी के लोगों को आगाह करते हुए कहा कि देश में जितने भी छोटे-बड़े अखबार और टीवी चैनल आदि चल रहे हैं, उनके अधिकांश मालिक बड़े-बड़े पूंजीपति और धन्नासेठ हैं। इसके साथ ही, चुनाव में सर्वे कराने वाली एजंसियां भी ज्यादातर इन्हीं के हिसाब से काम करती हैं।
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मायावती ने आरोप लगाया कि चुनाव में ये पूंजीपति लोग मीडिया और सर्वे एजंसियों का इस्तेमाल खासकर कांग्रेस, भाजपा आदि उन सभी विरोधी पार्टियों के पक्ष में ही हवा बनाने के लिए करते हैं, जो सत्ता में आने पर उनके नफे-नुकसान के हिसाब से सरकारें चलाती हैं। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के सिद्धांत पर चलती है, इसलिए पूंजीपति लोग आगामी चुनाव के मद्देनजर अपने सभी अखबारों और टीवी चैनलों व सर्वे कराने वाली एजंसियों आदि का इस्तेमाल बसपा के लोगों का मनोबल गिराने के लिए करेंगे। इनसे प्रदेश की जनता को वोट पड़ने तक जरूर सावधान रहना होगा।
आगामी विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर हाल में आए एक कथित सर्वेक्षण में भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की बात कही गई थी। मायावती ने आरोप लगाया कि प्रदेश की मौजूदा सपा सरकार पिछली बसपा सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई योजनाओं पर अपना ठप्पा लगा कर वाहवाही लूट रही है। बसपा सरकार द्वारा शुरू की गई महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना का नाम बदल कर समाजवादी पेंशन योजना करके सपा सरकार अपनी पीठ ठोंक रही है। जनेश्वर मिश्र पार्क भी बसपा ने ही बनवाया था और उसका नाम डाक्टर आंबेडकर ग्रीन गार्डन रखा था। मायावती ने कहा कि सपा महान संतों, गुरुओं और महापुरुषों के नाम पर बसपा सरकार द्वारा स्मारक व पार्क बनवाए जाने को फिजूलखर्ची बता कर उनकाअनादर कर रही है। वहीं दूसरी तरफ इटावा में केवल मौज-मस्ती के लिए लायन सफारी बनाने व सैफई महोत्सव पर जनता के अरबों रुपए खर्च करने को सपा सरकार फिजूलखर्ची मानने को तैयार नहीं है।