यूपी की राजधानी लखनऊ में एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या ने सियासी पारा बढ़ा दिया है। विपक्ष इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है।
हालांकि यूपी सरकार के दो मंत्री ब्रजेश पाठक और आशुतोष टंडन रविवार को लखनऊ के भैंसा कुंड श्मशान घाट में विवेक तिवारी के अंतिम संस्कार में पहुंचे और पीड़ित के परिजनों से मुलाकात की। सुबह 9 बजे विवेक तिवारी के शव को मुखाग्नि उनके बड़े भाई राजेश तिवारी ने दी। ब्रजेश पाठक ने पीड़ित परिवार को ये आश्वासन दिया कि सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी। मंत्री ने यह भी कहा कि विवेक तिवारी के हत्यारे बख्शे नहीं जाएंगे।
UP ministers Brajesh Pathak and Ashutosh Tandon meet family of #VivekTiwari in Lucknow pic.twitter.com/ESHqBpoeFe
— ANI UP (@ANINewsUP) September 30, 2018
मंत्री ब्रजेश पाठक ने विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना से भी मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिया कि उनकी मुलाकात यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करवाई जाएगी। कल्पना तिवारी ने मीडिया से कहा,” हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मौके पर आएं और हमारे परिवार के साथ न्याय करें। हम शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जब तक वह हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करेंगे।”
कल्पना ने यह भी कहा कि उनके परिवार के लिए 25 लाख का मुआवजा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि विवेक घर के इकलौते कमाऊ सदस्य थे और वह अपने बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित हैं। उन्होंने परिवार के लिए एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। आम आदमी पार्टी के मंत्री संजय सिंह ने भी विवेक तिवारी के परिवार से मुलाकात की थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल्पना तिवारी से फोन पर बातचीत की है। उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
यूपी सरकार ने पीड़ित के परिवार को भरोसा दिया कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा। यही नहीं तिवारी की हत्या की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन भी किया गया है। एसआईटी का नेतृत्व लखनऊ रेंज के आईजी करेंगे। उनके अलावा इस टीम में लखनऊ के एसपी क्राइम और एसपी ग्रामीण लखनऊ भी होंगे।
वैसे बता दें कि विवेक तिवारी को यूपी पुलिस के सिपाही ने शनिवार (29 सितंबर) की अलसुबह करीब 1.30 बजे कार न रोकने पर गोली मार दी थी। विवेक काम से अपने घर लौट रहे थे। उनके साथ उनकी एक महिला सहकर्मी भी थी। उन्हें दो पुलिसकर्मियों प्रशांत और संदीप ने रुकने का इशारा किया। जब विवेक ने रुकने से इंकार कर दिया तो सिपाही ने कथित तौर पर उन्हें गोली मार दी। विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि गोली उनकी ठोढ़ी में लगी हैै।