उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद रविवार को बसपा प्रमुख मायावती ने समीक्षा बैठक बुलाई थी। समीक्षा बैठक के दौरान ही मायावती ने आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बीएसपी के उम्मीदवार की घोषणा कर दी। आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ ​​गुड्डू जमाली बीएसपी के उम्मीदवार होंगे। गुड्डू जमाली 2012 से 2017 और 2017 से 2022 तक दो बार आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से बसपा विधायक चुने जा चुके हैं।

गुड्डू जमाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में बीएसपी के विधायक दल के नेता का पद भी संभाल चुके हैं। लेकिन चुनाव से कुछ समय पहले उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण बसपा सुप्रीमो ने पार्टी से बर्खास्त कर दिया था। गुड्डू जमाली ने 2022 का विधानसभा चुनाव AIMIM के टिकट पर लड़ा, लेकिन सपा उम्मीदवार से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। चुनाव बाद गुड्डू जमाली ने फिर से बीएसपी जॉइन कर ली।

गुड्डू जमाली को उम्मीदवार घोषित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि, “मौजूदा समय में प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद बसपा अभी भी सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय की अपनी नीति पर कायम है। इसे ध्यान में रखते हुए आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में शाह आलम उर्फ ​​गुड्डू जमाली को मैदान में उतारने का फैसला किया गया है।” मायावती की समीक्षा बैठक के बाद बसपा प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को उनके पद पर बरकरार रखा गया है। साथ ही पार्टी ने पूर्व सांसद बाबू मुनकाद अली, राजकुमार गौतम और पूर्व एमएलसी विजय प्रताप को प्रदेश प्रभारी बनाया है।

समीक्षा बैठक के दौरान मायावती ने कार्यकर्ताओं से कहा कि भले ही पार्टी को चुनाव में सफलता ना मिली हो लेकिन निराश नहीं होना है और पार्टी की नीतियों पर निरंतर काम करना है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने आरएसएस के जरिये ये दुष्प्रचार करवाया कि बसपा की सरकार ना बनने पर उन्हें राष्ट्रपति बनाया जायेगा। मैं अपने सपने में भी ऐसा नहीं सोच सकती। कांशीराम ने भी ये प्रस्ताव ठुकराया था और मैं उनकी शिष्य हूं।

आजमगढ़ लोकसभा सीट 22 मार्च को खाली हुई थी जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट को बरकरार रखने के लिए इसे छोड़ दिया था। अखिलेश यादव ने पहली बार करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और चुनाव में उन्होंने जीत प्राप्त की। चुनाव आयोग ने लोकसभा उपचुनाव की तारीख की घोषणा अभी नहीं की है।