शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। योगी आदित्यनाथ के साथ 2017 की तरह ही दो उपमुख्यमंत्रियों ने भी शपथ ली। लेकिन इस बार एक उपमुख्यमंत्री का नाम ऐसा था जिसने सबको चौंका दिया। दरअसल बीजेपी ने इस बार दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया। जबकि केशव प्रसाद मौर्य विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी अपनी उपमुख्यमंत्री वाली कुर्सी बचाने में कामयाब रहे। ब्रजेश पाठक अमित शाह के भी करीबी बताए जाते हैं और अमित शाह ने कई बार उनकी तारीफ भी की है।
ब्रजेश पाठक 2002 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन हार गए थे। फिर बीएसपी ज्वाइन की और 2004 में बसपा के टिकट पर लोकसभा सांसद भी चुने जा चुके हैं। 2009 में मायावती ने बृजेश पाठक को राज्यसभा में भेजा और 2014 में उन्नाव से लोकसभा चुनाव भी लड़ाया लेकिन बृजेश पाठक हार गए। ब्रजेश पाठक को बसपा सुप्रीमो मायावती का काफी करीबी बताया जाता था और कहा जाता है कि सतीश चंद्र मिश्रा के बाद ब्रजेश पाठक मायावती के सबसे करीबी ब्राह्मण नेता थे। 2017 के चुनाव के पहले ब्रजेश पाठक ने तत्कालीन बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी। उसके बाद पाठक को बीजेपी ने लखनऊ मध्य से उम्मीदवार बनाया था और वह जीतकर विधानसभा पहुंचे थे और योगी सरकार में कानून मंत्री बने थे।
2022 के विधानसभा चुनाव में ब्रजेश पाठक ने लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ा और वह जीत कर फिर से विधानसभा पहुंचे। इस बार योगी सरकार में उन्हें बड़ा प्रमोशन मिला और उन्हें प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया गया। ब्रजेश पाठक की गिनती बीजेपी के बड़े ब्राह्मण नेताओं में होती है। जब बीजेपी से ब्राह्मणों की नाराजगी की बात सामने आई तब ब्रजेश पाठक ने ब्राह्मणों को मनाने में बड़ी भूमिका निभाई।
अमित शाह कर चुके हैं तारीफ: ब्रजेश पाठक को अमित शाह का भी करीबी बताया जाता है और अमित शाह उनकी कई बार तारीफ भी कर चुके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार एक बार राज्यसभा सांसद संजय सेठ के घर पर बैठक हो रही थी और उस बैठक में अमित शाह भी मौजूद थे। उस बैठक के दौरान अमित शाह ने ब्रजेश पाठक को अपना सच्चा दोस्त बताया था। यही नहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि मैं अगर लखनऊ में ना रहूं और आपको कोई काम हो तो आप ब्रजेश पाठक से मिल लिया करिएगा।
कोरोना के दौरान सरकार की आलोचना की: जब देश में कोरोना की दूसरी लहर आई और हाहाकार मचा, उस दौरान ब्रजेश पाठक ने अपनी ही सरकार के अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर पत्र लिखा था और आलोचना की थी। 2018 में लखनऊ में जब एप्पल के मैनेजर विनय तिवारी को पुलिस द्वारा गोली मार दी गई थी, उस दौरान भी ब्रजेश पाठक ने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाए थे।