जयंत चौधरी भी राज्यसभा जाएंगे। वह वहां समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के साझा उम्मीदवार होंगे। गुरुवार (26 मई, 2022) को यह जानकारी सपा के टि्वटर हैंडल से दी गई। बताया गया, “जयंत सपा और रालोद से राज्य सभा के संयुक्त प्रत्याशी होंगे।”
वहीं, रिपोर्ट्स के मुताबिक विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी से गठबंधन करते समय जयंत ने अखिलेश से उन्हें राज्यसभा भेजने की मांग की थी। जयंत चाहते थे कि विधानसभा चुनाव के बाद वे सपा के सहयोग से राज्यसभा जाए।
आने वाले राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 11 राज्य सभा सीटों पर चुनाव होना है, जिसमें से 7 सीटों पर भाजपा की और 3 सीटों पर समाजवादी पार्टी की जीत तय मानी जा रही है जबकि 11 वीं सीट के दोनों पार्टियों के बीच मुकाबला तय माना जा रहा है।
जयंत के अलावा समाजवादी पार्टी ने दो अन्य सीटों पर कांग्रेस से सपा में आए नेता कपिल सिब्बल और रामगोपाल यादव के करीबी माने जाने वाले जावेद अली खान को अपना उमीदवार बनाया है।
डिम्पल यादव के जाने की थी चर्चा: जयंत को संयुक्त उम्मीदवार घोषित करने से पहले इस बात की चर्चा जोरो पर थी कि सपा की ओर से तीसरी राज्य सभा सीट के लिए डिम्पल यादव का नाम सबसे आगे चल रहा है, जिस कारण राजनीतिक खेमों में इस बात की अटकलबाजी शुरू हो गई कि जयंत को एक बार फिर से धोखा मिलने जा रहा है। सपा ने जयंत को सपा-आरएलडी का संयुक्त उम्मीदवार घोषित करके इन अटकलों पर विराम लगा दिया। अब कहा जा रहा है कि डिम्पल यादव को सपा आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बना सकती है।
कपिल सिब्बल और जावेद अली ने भरा पर्चा: बीते बुधवार को सपा की ओर से कपिल सिब्बल और जावेद अली ने लखनऊ में नामांकन भरा। इस दौरान उनके साथ अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव भी मौजूद रहे। बता दें कपिल सिब्बल का नामांकन एक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भरा गया। सपा उन्हें को समर्थन दे रही है। सिब्बल ने बताया कि उन्होंने 16 मई को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।