रामनवमी और हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा के बाद यूपी सरकार ने जुलूस और धार्मिक आयोजनों को लेकर कई दिशा निर्देश जारी किए हैं। समाज का एक वर्ग इन्हें सही बता रहा है लेकिन मुस्लिम समुदाय को ये गलत लगता है। उनका कहना है कि कानून सबके लिए बराबर होता है। मुस्लिमों को निशाना क्यों बनाया जा रहा है। एक शख्स का तो यहां तक कहना था कि बजरंग दल, बीजेपी, आरएसएस पर पाबंदी लगनी चाहिए।
देश के तमाम हिस्सों में फैली हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। यूपी में अब बिना अनुमति के कोई भी जुलूस और धार्मिक यात्रा निकालने पर रोक लगा दी गई है। अब आयोजकों को पहले इसके लिए अनुमति लेनी होगी। बगैर अनुमति के ऐसे आयोजन करने पर आयोजकों के खिलाफ सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी।
सीएम ने प्रशासन को ये हिदायत भी दी है कि धार्मिक जुलूस की अनुमति उन्हीं आयोजनों को दी जाए जो पारंपरिक हों। नए आयोजनों को परमीशन न दी जाए। कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। योगी का कहना है कि वैमनस्य को बढ़ावा देने वाले सभी आयोजनों पर अफसर कड़ी नजर रखें। शांति हर हाल में बहाल रखनी होगी।
मेरठ में यूपी तक से बात में नदीम अंसारी ने कहा कि योगी जी सभी के सीएम हैं। जो उनका आदेश है वो माना जाएगा। लेकिन सरकार इस बात को देखे कि उन पर तोहमत न लगा दी जाए। उनका डर है कि मुस्लिम समुदाय को परमीशन न देकर केवल हिंदुओं के आयोजनों को ही अनुमति न दे दी जाए। एक अन्य शख्स रईसुद्दीन का कहना था कि दोनों समुदायों को एक नजर से देखा जाए। सरकार किसी के साथ कोई भेदभाव न करे।
मोहम्मद आरिफ का कहना था कि वो भी मानते हैं कि सभी के साथ बराबर और एक जैसा सलूक किया जाए। नूर मोहम्मद अंसारी का कहना था कि हम भी सीएम योगी का सम्मान करते हैं लेकिन योगी मुस्लिमों के लिए बहुत खराब कर रहे हैं। ये बात चलने वाली नहीं है। गलत काम करने वाले को बुलडोजर से डराइए। केवल मुसलमानों पर इसका इस्तेमाल न हो। उनका कहना था कि बजरंग दल, बीजेपी, आरएसएस पर पाबंदी लगे।
जहीर अंसारी का कहना था कि हनुमान चालीसा आप गाएं पर मस्जिद के आगे ही क्यों। नमाज पढ़ते समय कोई विघ्न पड़ेगा तो गुस्सा होना लाजिमी है। जहांगीरपुरी में हिसा केवल एक पत्थर की वजह से भड़की। सरकार जो कर रही है वो अच्छा है।