राम मंदिर विवाद में नया मोड़ देते हुए यूपी के बहराइच जिले से भाजपा की सांसद सावित्री बाई फुले ने बयान दिया है। लंबे वक्त से अपनी पार्टी और सरकार की नीतियों का विरोध करने वाली सांसद फुले ने रविवार (21 अक्टूबर) को कहा कि अयोध्या में विवादित भूमि पर गौतम बुद्ध का मंदिर बनवाया जाना चाहिए क्योंकि उस जगह से खुदाई के बाद कई प्रतिमाएं निकली है। विद्वानों ने भी अध्ययन में ये पाया है कि उस स्थल का बौद्ध धर्म से करीबी रिश्ता रहा है।

सांसद फुले का बयान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान के दो दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों से कहा था कि वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की तैयारी करें।

प्रयागराज में पत्रकारों से बात करते हुए सांसद फुले ने कहा,”हम विवादित भूमि पर गौतम बुद्ध का मंदिर बनवाने की मांग करते हैं क्योंकि विवादित स्थल की खुदाई के दौरान मौके से भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमाएं मिली हैं और विद्वानों ने भी अपने शोध में ये पाया है कि ये स्थान बौद्ध धर्म से जुड़ा हुआ है। बौद्ध ही एकमात्र ऐसा धर्म है जो जाति और वर्ग के आधार पर किसी से भी भेदभाव नहीं करता है।”

सांसद फुले ने कहा कि आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने साल 2015 में आरक्षण नीति पर फिर से विचार करने की जरूरत बताई थी। उन्होंने कहा कि वह आने वाले 16 दिसंबर को लखनऊ में एक जनांदोलन की शुरूआत करूंगी। उन्होंने कहा,” मैं अपनी आखिरी सांस तक आरक्षण नीति पर पुनर्विचार के खिलाफ लड़ाई लड़ूंगी। भाजपा और उसके सहयोगी संगठन दलितों और आरक्षण के खिलाफ हैं।”

सांसद सावित्री बाई फुले ने अपनी ही पार्टी पर हमला करते हुए कहा,”बीजेपी ने साल 2014 में मुझे इसलिए टिकट दिया था क्योंकि उन्हें एक जिताऊ उम्मीदवार चाहिए था। मैं अपने संघर्ष और समर्पण के कारण जीत गई। बीजेपी ने चुनाव में मेरी जीत के लिए कुछ नहीं किया। अब बीजेपी और आरएसएस दलितों और पिछड़ों के अधिकारों को कुचलने के लिए संविधान को बदलना चाहते हैं।”