BJP MP Ram Shankar Katheria: बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया को जिला जज न्यायालय आगरा से बड़ी राहत मिली है। आगरा जिला अदालत ने कठेरिया की सजा पर रोक लगा दी है। साथ ही जुर्माने की राशि भी कम कर दी गई है। कठेरिया को एक मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने दो साल कारावास और 50 हजार का जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया ने सोमवार यानी आज जिला जज न्यायालय में अपील की थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब तक अपील का निस्तारण नहीं हो जाता है, तब तक सजा पर रोक रहेगी। इसके बाद बीजेपी सांसद को उनकी अपील पर जमानत भी दे दी गई। बता दें, रामशंकर कठेरिया इटावा से बीजेपी सांसद हैं।
बता दें, आगरा में टोरेंट अधिकारी से मारपीट और बलवा करने के मामले में बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया दोषी पाए गए थे। निचली अदालत ने उन्हें दो साल कारवास की सजा सुनाई थी। इस मामले में बीजेपी सांसद ने जिला जज आगरा के कोर्ट में अपील दायर की थी, जहां से उन्हें राहत मिल गई है। अदालत ने दो साल की सजा का आदेश अगली सुनवाई तक निलंबित कर दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 सितंबर को होगी।
यह पूरा मामला हरीपर्वत थाना क्षेत्र के साकेत मॉल का है। यहां स्थित टोरेंट के सतर्कता कार्यालय पर 16 नवंबर 2011 को बीजेपी सांसद राम शंकर कठेरिया पहुंचे थे। उनके साथ करीब 10-15 समर्थक थे। यहां पर मैनेजर भावेश रसिकलाल शाह बिजली चोरी से संबंधित मामलों की सुनवाई और निस्तारण कर रहे थे। इसी दौरान रामशंकर कठेरिया के साथ आए समर्थकों नें भावेश रसिकलाल शाह के कार्यालय में घुसकर उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। मारपीट में उन्हें काफी चोट लगी थी।
इस घटना के बाद भावेश की तहरीर पर बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया और उनके अज्ञात समर्थकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 और 323 के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले में हरीपर्वत थाना पुलिस ने सांसद के खिलाफ चार्जशीट पेश की।
इस केस में एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई के दौरान चार्जशीट, वकील की ओर से पेश किए सबूतों के आधार पर सांसद रामशंकर कठेरिया को धारा 147, 323 के तहत दोषी पाया था। कोर्ट ने सांसद को दो साल करावास की सजा सुनाई थी और 50 हजार का जुर्माना लगाया था। इसके बाद कयास यह भी लगाए जाने लगे थे कि क्या राम शंकर कठेरिया की संसद सदस्यता बरकरार रहेगी या फिर जाएगी।
हालांकि, सोमवार को जिला कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद दो साल की सजा पर तत्काल रोक लगा दी। साथ ही जुर्माने की राशि भी घटा दी। इटावा सांसद के खिलाफ सुनवाई करते हुए जिला व सत्र न्यायाधीश ने 20 हजार रुपये जुर्माने का ऐलान किया है। जिला कोर्ट की ओर से राहत मिलने के बाद अब उनकी संसद सदस्यता पर मंडरा रहा खतरा टल गया है।