पश्चिमी यूपी के कद्दावर मुस्लिम नेता इमरान मसूद का कहना है कि अखिलेश जी ने बहुत मेहनत की। लोगों का समर्थन भी उन्हें मिला पर बहुत से ऐसे नाम चुनाव हार गए जो जीतते दिख रहे थे। उनका कहना है कि चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाने चाहिए। ईवीएम में गड़बड़झाला है। जब तक मौजूदा सिस्टम है तब तक जिसे मोदी जी जीतते देखना चाहते हैं वो ही जीतेगा।
मसूद ने कहा कि चुनाव में बीएसपी का वोटबैंक इस बार बीजेपी की तरफ चला गया। लेकिन उनका ये भी कहना है कि आखिर में ये वोट सपा के पास ही लौटकर आने वाले हैं, क्योंकि और कोई विकल्प नहीं है। बकौल मसूद वोट शिफ्ट होने से बीजेपी को फायदा हुआ।
उनका कहना है कि यूपी असेंबली चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन से किसी को हैरत नहीं हुई। ये पहले से तय माना जा रहा था कि पार्टी लड़ाई में नहीं है। हम लोगों ने प्रियंका गांधी को जमीनी हकीकत बताने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके। उनका कहना है कि पहले दिन से ही लोग कांग्रेस को फाइट में नहीं देख रहे थे। पार्टी पूरी तरह से सीन से बाहर ही थी।
लड़की हूं लड़ सकती हूं कैंपेन पर उनका कहना था कि बहुत सी चीजें पोस्टर पर अच्छी लगती हैं पर ग्राउंड पर उनका असर नहीं होता। ये स्लोगन भी वैसा ही था। प्रियंका गांधी की जीतोड़ मेहनत के बावजूद कांग्रेस खुद को विकल्प नहीं बना सकी।
अपने भविष्य के सवाल पर उनका कहना था कि वो सपा के साथ ही रहेंगे। जैसा पार्टी कहेगी वैसा ही वो करेंगे। मसूद के मुताबिक वो पहले से ही तय कर चुके थे कि उन्हें असेंबली चुनाव नहीं लड़ना है। वो कांग्रेस छोड़कर सपा अपनी मर्जी से गए और मन मुताबिक ही चुनाव न लड़ने का फैसला किया। गौरतलब है कि 2014 में पीएम मोदी के खिलाफ तीखी टिप्पणी को लेकर चर्चा में आए मसूद कांग्रेस के अहम नेता थे। लेकिन चुनाव से ऐन पहले ही उन्होंने सपा का दामन थाम लिया। उनका कहना था कि बीजेपी को हराने के लिए ये जरूरी था।