अखिलेश यादव और उनके चाचा के बीच चल रही लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। चाचा के खुद को कंस बताने पर सपा प्रमुख गुस्से से बिफर गए। उन्होंने महाभारत का जिक्र कर चाचा पर तंज कसा। हालांकि उनके पलटवार पर अभी तक शिवपाल की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन माना जा रहा है कि वो चुप नहीं बैठने वाले। अखिलेश की बात का जवाब जरूर देंगे।

अखिलेश यादव ने कहा कि आप सब लोग जानते हैं कि दुर्योधन ने क्या मांगा था। महाभारत की लड़ाई में उसने पूरी सेना मांग ली। लेकिन जीत उसी की हुई जहां पर भगवान कृष्ण खड़े थे। ऐसा कई बार हुआ है। सपा प्रमुख ने अपने पलटवार में किसी का नाम नहीं लिया लेकिन इस बयान से बिल्कुल स्पष्ट हो गया कि उन्होंने ‘कंस’ से तुलना पर अपने चाचा की तुलना ‘दुर्योधन’ से की है।

जन्माष्टमी के दिन शिवपाल सिंह यादव ने यदुवंशियों के नाम एक चिट्ठी जारी की थी। इसमें उन्होंने गीता के साथ कंस का भी जिक्र किया गया था। उन्होंने चिट्ठी में लिखा था कि जब भी कोई कंस अपने पिता को छल-बल से अपमानित कर पद से हटाकर आधिपत्य जमाता है तो धर्म की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण अवश्य अवतार लेते हैं। वो अपनी योग माया से अत्याचारियों को दंड देकर धर्म की स्थापना करते हैं।

शिवपाल ने अपनी चिट्ठी में कहीं भी अखिलेश यादव का नाम तो नहीं लिया गया था। लेकिन सपा प्रमुख और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के बीच जो कुछ भी हुआ उसके परिपेक्ष्य में उन्होंने ये बात कही। चिट्ठी की अंतिम पंक्तियां कविता के रूप में है, जिसमें लिखा है कि शिवपाल यादव धर्म ध्वजा उठाकर कर्तव्य पथ पर निकल चुके हैं। यदुवंशी उनके साथ आने में कहीं देर ना कर दें।

ध्यान रहे कि अखिलेश और शिवपाल के बीच यूपी असेंबली चुनाव के बाद से ही तनातनी है। चुनाव में शिवपाल जसवंत नगर से लड़े और जीते भी। लेकिन उसके बाद दोनों के संबंध तल्ख हो गए। मामला इतना बिगड़ा कि शिवपाल को बाहर का रास्ता तक दिखा दिया गया। उसके बाद भी दोनों के बीच तल्खी बरकरार है।