किशन चतुर्वेदी
ताजमहल प्यार का प्रतीक है और युवाओं में इसका आकर्षण मशहूर है। मगर यही ताज चार गांवों – अहमद बुखारी, नगला पैमा, गढ़ी बंगस, नगला तल्फी – के युवाओं के लिए मुसीबत बन रहा है क्योंकि उनके शादी के सपने ताज के सुरक्षा चक्र के चलते परवान नहीं चढ़ पा रहे हैं। इस गांव में शादी का रिश्ता लेकर आने वाले लोग इस सुरक्षा चक्र से तंग आने के बाद वापस गांव में जाने से बच रहे हैं। नतीजा गांव में कुंवारों की संख्या बढ़ती जा रही है। बेमिसाल सौंदर्य वाले ताज को प्रदूषण से बचाने के दिशा-निर्देश और वीवीआइपी सुरक्षा इन चार गांवों के युवाओं के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक प्रदूषण से बचाव के लिए ताज के पास पांच सौ मीटर के इलाके में बिना अनुमति के कोई वाहन नहीं आ सकता। चूंकि इन गांवों में आने जाने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वह है ताज के पूर्वी गेट का रास्ता। यह रास्ता वीवीआइपी होने के कारण यहां सुरक्षा के लिए जगह-जगह बैरियर लगाए गए है। इन बैरियरों से वीआइपी गाड़ियों और परिवहन विभाग के द्वारा जारी किए गए पास वाली अधिकृत गाड़ियों को ही आने जाने की मंजूरी है। इसके चलते इन गांवों के बाशिंदे भी यदि गांव से बाहर कहीं जाते हैं तो इनको भी ताज सुरक्षा के कई चक्रों से गुजरना पड़ता है। रोजाना की जांच पड़ताल और पूछताछ के कारण इन गांवों में वाहनों की संख्या भी न के बराबर है।
ताजमहल के पूवीर्गेट के पास स्थित गांव अहमद बुखारी, नगला पैमा, गढ़ी बंगस, नगला तल्फी के रहिवासियों को इस सुरक्षा चक्र की कीमत चुकानी पड़ रही है। लगातार होने वाली कड़ी पूछताछ से परेशान गांव वालों ने गाड़ियां रखनी ही बंद कर दी है। कड़ी पूछताछ और प्रतिबंधों के चलते इन गावों में जल्दी कोई रिश्ता नहीं करना चाहता है। क्योंकि उन्हें भी गांव में जाने से पहले तलाशी और पूछताछ के दौर से गुजरना पड़ता है। इससे बचने के लिए इन गांवों में बाहर से आने वाले रिश्तेदार डेढ़ से दो किलोमीटर दूर अपनी गाड़ी छोड़कर पैदल चलकर इन गावों में जाते हैं। इन गांवों में रास्ते की बंदिशों के चलते दस सालों से शादियां न के बराबर हुई हैं। और जो हुई भी हैं वे गांव से बाहर से की गई हैं। हालांकि सभी के लिए गांव से बाहर जाकर शादी करना मुमकिन नहीं है। हालात ऐसे बन गए हैं कि तकरीबन ढाई हजार से अधिक युवाओं की शादियां इस परेशानी के कारण नहीं हुई हैं। हालांकि ग्रामीणों ने इस समस्या का हल निकालने की बहुत कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। गांव के लोग स्थानीय प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
नगला पैमा गांव के रूप राम का कहना है कि इस परेशानी के चलते गांवों में कुंवारों की फौज खड़ी हो गई है। रूप राम के मुताबिक इस समस्या का हल खोजने की काफी कोशिशें की गई, मगर कोई समाधान नहीं निकल पाया।अहमद बुखारी गांव के जफरुद्दीन का बताते हैं कि गांव में शादी के रिश्ते के लिए लोग आते ही नहीं। जो आते हैं उनकी इतनी कड़ी तलाशी ली जाती है कि वे दोबारा इस गांव में कदम रखना पसंद नहीं करते।प्रशासन इस परेशानी से अनजान नहीं है। एडीएम धर्मेंद्र का कहना है कि इस मामले से प्रशासन को अवगत करवा दिया गया है। कोशिश की जा रही है कि इन गांवों तक पहुंचने का कोई वैकल्पिक रास्ता खोजा जाए। वही किया जा रहा है।