उत्तर प्रदेश में पुलिस ने एक साधू को अपने शिष्य के कत्ल के आरोप में गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि यह साधू भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई वरिष्ठ नेताओं का करीबी भी रहा है। बीते शनिवार (28-12-2019) को पुलिस ने इस साधू को गिरफ्तार किया है। इस साधू का नाम महिंद्रा महाराज है। पुलिस ने इस मामले में एक सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र तिवारी को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि हत्या में सब-इंस्पेक्टर के सर्विस रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया गया है।

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद साल 2017 से यह सब-इंस्पेक्टर महिंद्रा महाराज की सुरक्षा में तैनात था। मृतक युवक का नाम रवि शंकर बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि 30 साल के रवि शंकर ने महिंद्रा महाराज को धमकी दी थी कि वो उनके आश्रम में चल रही गैरकानूनी गतिविधियों का पर्दाफाश कर देगा। जिसके बाद रवि शंकर की हत्या कर दी गई।

जालौन जिले की पुलिस ने रामपुरा के नीनावली गांव में स्थित आश्रम से 55 साल के महिंद्रा महाराज को गिरप्तार किया है। दरअसल रवि शंकर के मौत के बाद यहां लोग आक्रोशित हो गए थे। बीते गुरुवार से ही सैकड़ों लोग आश्रम के बाहर धरने पर बैठ गए थे यह लोग रवि शंकर के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। शनिवार को यह भीड़ आक्रोशित हो गई और उसने कई सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था।

जालौन के एसपी सतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि साधू को रवि शंकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जबकि पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी हत्या की साजिश रचने के आऱोप में हुई है। इस मामले में आगे की जांच भी जारी है।

सूत्रों के मुताबिक महिंद्रा महाराज की कई भाजपायी नेताओं के साथ संपर्क थे। महिंद्रा महाराज राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी रह चुके हैं। महाराज के आश्रम के दीवारों पर ऐसी कई तस्वीरें लगी हुई थीं जिनमें वो इनमें से कई नेताओं को आशीर्वाद देते हुए नजर आ रहे थे।

मृतक रवि शंकर के एक करीब रिश्तेदार राजेश कुमार ने ‘The Telegraph’ से कहा है कि ‘रवि शंकर ने आश्रम में कुछ गैर कानूनी होते हुए देखा था और उसने इसका विरोध भी किया था। उस वक्त साधू ने उन्हें यह समझाने का प्रयास किया था कि जो कुछ भी हो रहा है वो महिलाओं की भलाई के लिए हो रहा है। लेकिन रवि शंकर को ऐसी चीजें पसंद नहीं थीं औऱ उसने महिंद्र महाराज की पोल खोलने का फैसला किया था।’

‘The Telegraph’ से बातचीत करते हुए बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि ‘हम साधुओं से उनका आशीर्वाद पाने के लिए मिलते हैं…लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि वो कुछ भी करते हैं तो हम उनका सपोर्ट करते हैं। हां, लेकिन मैं इस बात से समहत हूं कि हमें सावधानी पूर्वक ऐसे लोगों का चुनाव करना चाहिए जिन्हें हमें महत्व देना है। स्वामी चिन्मयानंद केस में पार्टी की छवि पहले ही धूमिल हो चुकी है।’