Mukhtar Ansari: गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को बुधवार (28 दिसंबर, 2022) को रिमांड मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बांदा जेल वापस भेज दिया। अंसारी (Mukhtar Ansari) की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिमांड समाप्त हो गई है। ईडी की रिमांड खत्म होने पर उसे प्रयागराज जिला कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने मुख्तार को वापस बांदा जेल भेज दिया। बता दें, अंसारी अघोषित संपत्ति के एक कथित मामले में ईडी की हिरासत में था। उसकी अगली सुनवाई 10 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी।
वहीं जेल जाने से पहले शायरी के जरिए माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तंज कसा। मुख्तार ने कहा, ‘तूफान कर रहा था मेरे अज्म का तवाफ, दुनिया समझ रही थी कश्ती भंवर में है।’
15 दिसंबर को कोर्ट ने मुख्तार और सहयोगी को सुनाई थी सजा
इससे पहले 15 दिसंबर को मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को गाजीपुर की गैंगस्टर कोर्ट ने हत्या और हत्या के प्रयास के पांच मामलों में 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। इन मामलों में कांस्टेबल रघुवंश सिंह की हत्या और गाजीपुर के एक अतिरिक्त एसपी पर जानलेवा हमला शामिल है।
अंसारी को पिछले तीन महीनों में तीसरी बार सजा मिली
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अंसारी को पिछले तीन महीनों में तीसरी बार सजा मिली है। अंसारी पिछले कुछ सालों से उत्तर प्रदेश के बांदा की एक जेल में बंद है और ईडी उसे 10 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की है।
जेलर एसके अवस्थी को धमकाने और पिस्टल तानने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 21 सितंबर को मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। मामला 2003 का है, जब लखनऊ जिला जेल के जेलर एसके अवस्थी ने यह कहते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उन्हें जेल में अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने पर धमकी दी गई थी।
1999 में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 23 सितंबर को उसे पांच साल की सजा सुनाई थी। 23 साल पुराने इस मामले में कोर्ट ने मुख्तार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
