उत्तर प्रदेश खनन घोटाले के मामले में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की इस मामले में चल रही कार्रवाई के आधार पर आइएएस बी चंद्रकला समेत 11 आरोपियों के खिलाफ धनशोधन मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। इस प्राथमिकी के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय खनन मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी गायत्री प्रजापति की भूमिका की भी जांच करेगा।
अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में 2012-2016 के बीच अवैध तरीके से खनन के पट्टे जारी करने के आरोपों की जांच इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर की जा रही है। दर्ज प्राथमिकियों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने एक ही दिन में 13 ठेकों की मंजूरी जारी की थी। इस बाबत सीबीआइ और ईडी के अधिकारी उनसे पूछताछ की तैयारी कर रहे हैं। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने सभी आरोपियों को नोटिस भेजा है। ईडी इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को भी नोटिस भेज कर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है, उनके नाम हैं- हमीरपुर की पूर्व जिलाधिकारी बी चंद्रकला, खनन कारोबारी आदिल खान, जियोलॉजिस्ट-माइनिंग अफसर मोइनुद्दीन, सपा नेता रमेश कुमार मिश्रा, उनके भाई दिनेश कुमार मिश्रा, खनन विभाग के पूर्व क्लर्क राम आश्रय प्रजापति और बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े नेता संजय दीक्षित, उनके पिता सत्यदेव दीक्षित और एक पूर्व क्लर्क राम अवतार सिंह।
सीबीआइ ने दो जनवरी को कुल 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके आधार पर तत्कालीन डीएम बी चंद्रकला के लखनऊ आवास पर छापे मारे गए थे। चंद्रकला के आवास के अलावा हमीरपुर, बांदा, लखनऊ, नोएडा, कानपुर समेत कुल 12 जगहों पर छापे मारे गए थे। चंद्रकला के अलावा सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा, सपा नेता संजीव दीक्षित एवं कई मौरंग कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थे। सीबीआइ के मुताबिक, 2013 में 14 लोगों को खनन ठेके जारी किए गए थे। बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खनन मंत्रालय का प्रभार अपने पास रखा और 22 लोगों को ठेके आबंटित किए। सात जनवरी को सीबीआइ ने उन 22 लोगों की सूची जारी की।
अखिलेश यादव से पूछताछ की तैयारी, इनके खिलाफ दर्ज है प्राथमिकी- हमीरपुर की पूर्व जिला मजिस्ट्रेट आइएएस बी चंद्रकला, खनन कारोबारी आदिल खान, जियोलॉजिस्ट- माइनिंग अफसर मोइनुद्दीन, सपा नेता रमेश कुमार मिश्रा, उनके भाई दिनेश कुमार मिश्रा, खनन विभाग के पूर्व क्लर्क राम आश्रय प्रजापति और बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े नेता संजय दीक्षित, उनके पिता सत्यदेव दीक्षित और एक पूर्व क्लर्क राम अवतार सिंह।