Uttar Pradesh CM Yogi: माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे अशद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद योगी सरकार एक बार फिर से चर्चा में है। ऐसे में अगर योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान कानून-व्यवस्था की बात करें तो मार्च, 2017 में पहली बार योगी आदित्यनाथ सरकार सत्ता में आई थी। योगी सरकार के छह साल के कार्यकाल के दौरान अब तक 183 एनकाउंटर (अतीक का बेटा अशद) और 5046 अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
24 फरवरी को उमेश पाल जब अपने घर जा रहे थे, उसी दौरान गली के बाहर कार से निकलते समय शूटरों ने फायरिंग और बमबारी कर दी थी। इस हमले में उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। यूपी को दहला देने वाला उमेश पाल हत्याकांड पुलिस के सामने एक चुनौती बनकर खड़ा है। 24 फरवरी से संबंधित इस मामले में यह तीसरी मुठभेड़ (अशद अहमद-गुलाम) है।
सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने 3 जून, 2027 को इंडिया टीवी के कार्यक्रम ‘आप की आदालत’ में कहा था, ‘ अगर अपराधी अपराध करते हैं, तो “ठोक दिए जाएंगे”। सीएम योगी का यह बयान काफी चर्चा में रहा था। उसके बाद सीएम योगी ने उमेश पाल की हत्या के बाद सदन में कहा था, ‘माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे।’
19 मार्च, 2017 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने माफियाओं के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार किया है। योगी सरकार के एक पखवाड़े के भीतर ही यूपी पुलिस ने 31 मार्च को सहारनपुर के नंदनपुर गांव में एक कथित अपराधी गुरमीत को मार गिराया था।
यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा, ‘अपराध और अपराधियों के खात्मे के वादे को पूरा करते हुए 2017 के बाद से यह 183वीं मुठभेड़ है।’ झांसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र में पारिछा के पास असद अहमद और गुलाम को यूपी एसटीएफ ने मार गिराया था। प्रशांत कुमार ने कहा, ‘मुठभेड़ों में मारे गए या घायल हुए लोग कट्टर अपराधी हैं। एसटीएफ और एटीएस सहित सभी पुलिस एजेंसियां मुख्यमंत्री के अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के निर्देश पर काम रही हैं।’
183 एनकाउंटर के अलावा, आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 5,046 अपराधियों को पुलिस कार्रवाई में घायल होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश में जहां अपराधियों के पैर में गोली मार दी जाती है, उसे न केवल पुलिसवाले, बल्कि सत्ता के गलियारों में भी ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ कहा जाता है। आधिकारिक आंकड़ों में यह भी कहा गया है कि इस तरह के अभियानों के दौरान पिछले छह वर्षों के दौरान 13 पुलिसकर्मी “शहीद” हुए और 1,443 पुलिसकर्मी घायल हुए।
जनवरी 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान शामली में एक सार्वजनिक रैली में सीएम योगी ने राज्य में असुरक्षा, दंगे और माफिया का जिक्र करते हुए कहा था, ये देख लो, 10 मार्च के बाद, यह गर्मी पूरी तरह शांत करवा देंगे।’ अभी हाल ही में 25 फरवरी को प्रयागराज शूटआउट के एक दिन बाद जब उमेश पाल और दो पुलिस कर्मियों के हत्या कर दी गई थी, तब योगी आदित्यनाथ ने कहा था, “इस माफिया को मिट्टी में देंगे”।
आंकड़ों के अनुसार, योगी के पहले कार्यकाल के दूसरे साल 2018 में सबसे ज्यादा हत्याएं हुईं, जबकि साल 2022 में सबसे कम हुईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ने कानून और व्यवस्था के मामले में यूपी को सबसे अच्छा राज्य बताया था।