उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के चेयरमैन राज किशोर यादव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा यूपी के चीफ सेक्रेटरी को सौंप दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के पद संभालने के बाद ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मच गया है। इससे पहले UPSSSC ने 11 हजार पदों पर होने वाली भर्तियों के लिए इंटरव्यू पर पहले ही रोक लगा दी थी, जिसके बाद सोमवार को उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री आवास 5 कालिदास मार्ग के बाहर हंगामा किया था।

19 मार्च को बीजेपी सरकार के गठन के बाद राज्यपाल राम नाईक ने सभी न्यू टेंडर भर्ती और इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी। बता दें कि बिना सरकार की इजाजत के ही इन इंटरव्यू की तारीख घोषित कर दी गई थी। अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के अफसर आनन-फानन में परीक्षाओं को कराने की तैयारी में थे, जिनके लिए 27 मार्च से 10 अप्रैल तक 3 तारीखों में इंटरव्यू लेने की तैयारी की गई थी।

बता दें कि 3 अप्रैल को सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी लोकसेवा आयोग (UPPSC) के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह यादव को तलब किया था। एग्जाम में किसी खास जाति (यादवों) को विशेष तहजीह मिलने की शिकायतें मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह कदम उठाया था। उनसे इस बात का जवाब मांगा गया कि क्या वाकई इतनी प्रतिष्ठित परीक्षा में धांधली की गई।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जनसभाओं में कहते रहे हैं कि बाबू और चपरासी की नौकरी के लिए इंटरव्यू भ्रष्टाचार का जरिया है और इसकी कोई जरूरत नहीं है। बीजेपी की सरकार जैसे ही आएगी इंटरव्यू नहीं लिए जाएंगे।वहीं एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर लोक सेवा आयोग में पिछली सरकार के दौरान हुए चयन की जांच करवाने की मांग की है।

योगी आदित्यनाखथ ने पद संभालने के बाद कई अहम आदेश दिए हैं, जिसमें अवैध बूचड़खानों पर बैन और एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन शामिल है। मंगलवार शाम को हुई पहली कैबिनेट बैठक में किसानों का कर्ज भी माफ किया गया था।