मेघालय के सत्ताधारी गठबंधन की सहयोगी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP) ने बुधवार को ऐलान किया कि वह बीजेपी की अगुआई वाली नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) से नाता तोड़ रही है। पार्टी ने ऐसा करने की वजह नागरिकता संशोधन विधेयक पर उपजे गुस्से को बताया है। NEDA को 2016 में बनाया गया था। यह नॉर्थ ईस्ट में गैर कांग्रेसी पार्टियों का गठबंधन है। वहीं, UDP मेघालय के सत्ताधारी गठबंधन मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (MDA) का घटक रहा है। इस गठबंधन में बीजेपी भी शामिल है। सत्ताधारी गठबंधन में यूडीपी के 9 विधायक, जबकि बीजेपी के 2 एमएलए हैं।

यूडीपी ने NEDA का साथ छोड़ने का ऐलान रविवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के असम में किए गए ऐलान के बाद किया। शाह ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी लोकसभा चुनावों के बाद दोबारा सत्ता में आई तो यह सुनिश्चित करेगी कि नागरिकता संशोधन विधेयक संसद से पास हो। यूडीपी के मुताबिक, बीजेपी नार्थ ईस्ट की जनभावनाओं का सम्मान नहीं करती, इसलिए उसने बिल को दोबारा लाने का ऐलान किया है। बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा का कार्यकाल खत्म होते ही 3 जून को बेअसर हो जाएगा। इसकी वजह यह है कि इस बिल को इस सरकार के आखिरी संसदीय सत्र बजट सेशन के दौरान राज्य सभा में पास नहीं किया जा सका।

बता दें कि नार्थ ईस्ट क्षेत्र की 10 राजनीतिक पार्टियों ने 29 जनवरी को मिलकर इस बिल का विरोध करने का फैसला किया था। इनमें से अधिकतर पार्टियां NEDA की सदस्य हैं, जिनमें बिहार के सत्ताधारी गठबंधन की पार्टी जेडीयू भी शामिल है। बीते साल मेघालय सरकार ने एक प्रस्ताव पास करके बिल का विरोध किया था। चीफ मिनिस्टर कोनार्ड के संगमा भी इस बिल के विरोध में थे। वह एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे। वहीं, इस मुद्दे पर बीजेपी की अगुआई वाली असम सरकार से असम गण परिषद ने भी बीते महीने सत्ताधारी पार्टी से रिश्ते तोड़ लिए थे।