विश्व जनसंख्या दिवस पर रविवार (11 जुलाई) को उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई जनसंख्या नीति का ऐलान कर दिया।
सीएम ने पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर कहा कि नई नीति में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। कई दशक से बढ़ती आबादी पर चर्चा की गई है। हमें बड़े स्तर पर जागरूकता लानी होगी, जिसके लिए प्रयास जरूरी हैं। बढ़ती आबादी की वजह से समाज में गरीबी समेत कई प्रमुख समस्याएं हैं। हमें दो बच्चों के बीच का अंतर भी रखना होगा।
उन्होंने आगे बताया,‘‘ जिन देशों ने, जिन राज्यों ने इस दिशा में अपेक्षित प्रयास किये उनके सकारात्मक प्रयास देखने को मिले हैं। इसमें और भी प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उप्र की जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है, समाज के सभी तबकों को ध्यान में रखकर इस नीति को प्रदेश सरकार लागू कर रही है। वास्तव में जनसंख्या नियंत्रण का जो प्रयास है वह समाज की व्यापक जागरुकता के साथ जुड़ा हुआ है।” उन्होंने कहा कि हर तबके को इस जागरुकता अभियान के साथ जोड़ना पड़ेगा।
सीएम ने नई नीति लागू करने से पहले सुबह ट्वीट कर कहा था, “बढ़ती हुई जनसंख्या समाज में व्याप्त असमानता समेत प्रमुख समस्याओं का मूल है। समुन्नत समाज की स्थापना के लिए जनसंख्या नियंत्रण प्राथमिक शर्त है। आइये, इस ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ पर बढ़ती जनसंख्या से बढ़ती समस्याओं के प्रति स्वयं व समाज को जागरूक करने का प्रण लें।”
इसी बीच, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री जेपी सिंह ने कहा, जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है। माना जाता है कि हमारी (भारत) की आबादी 2027 तक चीन की जनसंख्या से आगे निकल जाएगी। अगर हम नई जनसंख्या नीति लागू करते हैं, तब इसके हिसाब से हमारे सूबे की आबादी 2052 तक स्थिर रहेगी।
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर… https://t.co/8JRLgrOUSu
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 11, 2021
इसी बीच, समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने जनसंख्या नियंत्रण के मसले पर एक विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा, “यह कानून कुदरत से टकराने वाला होगा और इससे कोई लाभ नहीं होगा।”
बकौल बर्क, “दुनिया में कितने लोग पैदा होंगे, यह तो कुदरत के हाथ में है। तेरे मेर बस में कुछ नहीं है, इसलिए कुदरत से टकराना नहीं चाहिए।” कुरान का हवाला देते हुए वह आगे बोले कि दुनिया को रब ने पैदा किया। पैदाइश अल्लाह का कानून है। जो जनसंख्या कानून लाया जा रहा है, वह जनहित में नहीं होगा। वैसे, वह पहले भी इस तरह के विवादित बयान दे चुके हैं।
बता दें कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाएगा। राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है।