उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ कबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव, पारस नाथ यादव और भाजपा सांसद मनोज तिवारी समेत पांच लोगों के खिलाफ भदोही के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गैर-जमानती वारंट जारी कर पुलिस अधीक्षक को इन सभी को 14 जून तक अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला 2009 के लोकसभा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में दर्ज किए गए मुकदमे का है। आरोप है कि साल 2009 में चुनाव प्रचार के दौरान शहर के अजीम उल्लाह चौराहा पर प्रशासन की इजाजत के बगैर सभा का आयोजन किया गया था जिसमें सपा के तत्कालीन स्टार प्रचारक मनोज तिवारी भी शरीक हुए थे। इस मामले में मौजूदा काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव, पारस नाथ यादव, मौजूदा विधायक विजय मिश्रा और उनकी पत्नी रामलली समेत कुल 14 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
इस मामले में विधायक विजय मिश्रा और उनकी पत्नी समेत नौ लोग अदालत में हाजिर हुए थे लेकिन कई बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद बाकी पांच आरोपियों में से कोई भी निर्धारित तिथि तक अदालत में हाजिर नहीं हुआ। अभियोजन पक्ष के मुताबिक हालांकि सरकार ने इस दौरान मुकदमा वापस लेने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
इसी मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डाक्टर सत्यवान सिंह ने शनिवार (21 मई) को सभी पांच आरोपियों वरिष्ठ कबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव, पारस नाथ यादव, सपा के तत्कालीन स्टार प्रचारक और इस समय भाजपा के सांसद मनोज तिवारी, सपा विधायक जाहिद बेग और सपा जिलाध्यक्ष आरिफ सिद्दीकी के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर पुलिस अधीक्षक को इन सभी को 14 जून तक अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक पुलिस अधीक्षक ने शनिवार देर शाम अदालत के आदेश की सुपुर्दगी ले ली है।