उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनावों में भाजपा को भारी सफलता मिली है। राज्य में भाजपा वाराणसी, आजमगढ़ और प्रतापगढ़ को छोड़कर को छोड़कर सभी सीटों पर सफलता हासिल की है। राजधानी लखनऊ में भाजपा उम्मीदवार रामचंद्र प्रधान को अपनी जीत का इतना ज्यादा भरोसा था कि वे रिजल्ट आने के एक दिन पहले ही नई गाड़ी थार खरीद लिए और उसमें सदस्य विधान परिषद भी लिखवा दिए। उनका कहना है कि वे जीत के बाद इसी गाड़ी से कलेक्ट्रेट जाकर अपनी विजेता प्रमाणपत्र लेंगे, फिर घर जाएंगे।
लखनऊ-उन्नाव सीट से भाजपा उम्मीदवार रामचंद्र प्रधान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के सुनील सिंह को 3088 मतों से पराजित किया। प्रधान को 3488 वोट मिले जबकि सिंह को 400 मतों से संतोष करना पड़ा।
मीडिया से बात करते हुए रामचंद्र प्रधान ने कहा कि यह जीत पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की नीतियों की जीत है। कहा कि उनके समर्थकों ने उत्साह दिखाया, जनता का समर्थन मिला और वे जीत हासिल कर लिए। कहा कि उनको अपनी जीत का पूरा भरोसा था।
निर्वाचन आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 27 सीटों के द्विवार्षिक चुनाव के लिए मतगणना का कार्य सुबह आठ बजे शुरू हुआ, जिसमें भाजपा ने शुरू से ही बढ़त बनाए हुए थी। अब तक घोषित परिणामों के मुताबिक भाजपा देवरिया-कुशीनगर, इलाहाबाद, बहराइच, सुलतानपुर, मेरठ-गाजियाबाद, लखनऊ-उन्नाव, बस्ती-सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, बलिया, फैजाबाद-अम्बेडकर नगर, गोंडा, बरेली-रामपुर और सीतापुर की सीटें जीत चुकी है। वाराणसी और आजमगढ़ सीट पर निर्दलीय तथा प्रतापगढ़ सीट पर जनसत्ता दल-लोकतांत्रिक के उम्मीदवार जीते हैं।
स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, खंड विकास परिषदों के अध्यक्ष एवं सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और नगरीय निकायों के पार्षद मतदाता होते हैं। इसके अलावा विधायक और सांसद भी इस चुनाव में वोट डालते हैं।
राज्य की 100 सदस्यीय विधान परिषद में इस समय भाजपा के 34, जबकि सपा के 17, बसपा के चार और कांग्रेस, अपना दल एवं निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। वहीं, शिक्षक दल के दो, जबकि निर्दलीय समूह का एक और एक निर्दलीय सदस्य भी विधान परिषद में मौजूद है। राज्य विधान परिषद की 36 सीटें सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं। वहीं, सदन की 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है।