केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा तमाम प्रयास किए जाने के बावजूद अयोध्या में पंचायत चुनाव के परिणाम भाजपा के पक्ष में नहीं रहे हैं और जिले की 40 जिला पंचायत सीटों में से भाजपा को महज आठ सीटें मिली हैं। विपक्षी समाजवादी पार्टी का दावा है कि पिछले महीने हुए पंचायत चुनावों में उसे सबसे ज्यादा फायदा हुआ है और उसके समर्थन वाले उम्मीदवारों ने जिला स्तर पर 22 सीटें जीती हैं। वहीं बसपा का दावा है कि उसके उम्मीदवारों ने अयोध्या में जिला पंचायत की चार सीटें जीती हैं। पूरे राज्य में सफलता के भाजपा के दावे के विपरीत अयोध्या इकाई ने यह स्वीकार किया है कि उनका प्रदर्शन आशा के अनुरुप नहीं रहा है।
भाजपा के जिला प्रवक्ता दिवाकर सिंह ने पीटीआई/भाषा को बताया, ‘‘परिणाम निराशाजनक हैं। अयोध्या जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक होने के बावजूद, हमें 40 में से सिर्फ आठ जिला पंचायत सीटों पर जीत मिली है।’’ भाजपा का चुनाव परिणाम खास तौर से सोहावल उप-जिले में ज्यादा खराब रहा है, जहां उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर केन्द्र सरकार ने मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ भूमि आवंटित की है। न्यायालय ने राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले का 2019 में फैसला सुनाते हुए मस्जिद के लिए जमीन देने को कहा था। वहीं सपा ने दावा किया है कि यहां पांच में से चार सीटें उसके हिस्से में आयी हैं जबकि पांचवीं सीट निर्दलीय उम्मीदवार के पास है। परिणाम पर सपा नेता अवधेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा सरकार के शासन में गांवों में लोगों को बहुत दिक्कत हो रही है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा है कि पंचायत चुनावों में योगी सरकार की नीतियों की वजह से बीजेपी को जीत मिली है। थ्री टायर चुनावों में बीजेपी के 45 हजार समर्थित उम्मीदवार ग्राम प्रधान का चुनाव जीतकर आए हैं। 60 हजार से ज्यादा पार्टी समर्थित प्रत्याशियों ने क्षेत्र पंचायतों में जीत हासिल की है। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में बीजेपी के 918 उम्मीदवार जीते हैं। जबकि 450 सीटों पर पार्टी समर्थित प्रत्याशी बढ़त बनाए हैं।
(उप ग्राम पंचायत चुनाव रिजल्ट 2021) Live Updates: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती जारी है। यह चुनाव अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक तरह का सेमीफाइनल माना जा रहा है। न सिर्फ बीजेपी के लिए बल्कि समाजवादी पार्टी, बीएसपी और कांग्रेस के लिए भी ये चुनाव महत्वपूर्ण है। चुनाव परिणामों में इस समय बीजेपी को फायदा होता दिख रहा है।
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में चार चरणों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती लगातार दूसरे दिन भी जारी है। प्रदेश के 75 जिलों में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य की सीटों पर चार चरणों में चुनाव हुए थे।
इससे पहले रविवार को जो नतीजे आए थे, उनमें 16510 ग्राम प्रधान, 12358 ग्राम पंचायत सदस्य तथा 35812 क्षेत्र पंचायत सदस्य भी विजयी हो गए हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के सभी 75 जिलों की मतगणना में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के पदों के लिए कुल 12, 89, 830 उम्मीदवारों की तकदीर का फैसला होगा।
आयोग के अनुसार कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पंचायत चुनाव की मतगणना कड़े प्रोटोकॉल के तहत की जा रही है।


गोरखपुर की बात करें तो भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों को ही 20-20 सीटों पर वियज हासिल हुई। वहीं 23 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना परचम लहराया। यहां आम आदमी पार्टी ने भी अपना खाता खोल दिया। निषाद पार्टी ने भी एक सीट पर जीत हासिल की। बता दें कि पंचायत चुनाव किसी पार्टी के निशान से नहीं लड़ा जाता है लेकिन उम्मीदवारों को राजनीतिक दलों का समर्थन रहता है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले योगी सरकार को अयोध्या और मथुरा में बड़ा झटका लगा है। पंचायत चुनाव में अयोध्या में भाजपा को 40 में से केवल 6 सीटों पर जीत हासिल हुई। योगी के गृह नगर गोरखपुर में भी सपा ने जोरदार टक्कर दी है। वहीं मथुरा में भाजपा को 33 में से केवल 8 सीटों पर जीत मिली।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पंचायत चुनाव में जीत की खुशी में जुलूस निकालने पर कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार सोमवार को थाना धामपुर के गांव पीपला में पंचायत चुनाव की प्रत्याशी प्रीति की जीत की खुशी में उनके समर्थक ढोल बजाते हुए जुलूस निकाल रहे थे। पुलिस ने महामारी अधिनियम के तहत कोविड-19 के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।
अम्बेडकर नगर के जिला पंचायत की 41 सीटों में से 14 सीटें सपा को मिली जबकि बीजेपी को सिर्फ 5 सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ा। वहीं बसपा को करीब 7 सीटें मिली और कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। हालांकि निर्दलीय प्रत्याशियों का भी प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। 10 सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीती।
पीएम के गढ़ में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। जिला पंचायत के 40 सीटों में से बीजेपी के खाते में आए महज 8 सीटें आईं हैं। वहीं 14 सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जीते हैं। बसपा ने 5,अपना दल एस को 3 सुभासपा और आम आदमी पार्टी को 1 सीट मिली है। वहीं 3 निर्दलीय प्रत्याशी ने भी जीत हासिल की है।
यूपी के कुख्यात ददुआ डकैत के सबसे खास रहे जेल में बंद राधे डकैत के बेटे ने प्रधानी पद का चुनाव जीत लिया है। राधे डकैत के बेटे अरिमर्दन सिंह ने शीतलपुर तरौंहा ग्राम पंचायत से प्रधान पद पर जीत हासिल की है। उसने 192 वोट हासिल किए हैं और अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी अरविंद सिंह को 22 वोट से हराया है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पंचायत चुनाव में सपा ने जीत का परचम लहराया है। लखनऊ के मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर की बहू भी चुनाव हार गईं। हालांकि वह निर्दलीय लड़ी थीं। उनकी बहू सरिता मलिहाबाद वॉर्ड 7 से निर्दीलीय प्रत्याशी थीं। उन्हें सपा समर्थित रामप्यारी रावत ने हरा दिया।
हरदोई जिला पंचायतक की 71 सीटों में से 61 सीटों पर रुझान मिले जिनमें से 13 पर भाजपा और नौ सीटों पर सपा के लगभग कब्जा कर लिया है। वहीं सात पर बसपा और दो पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने बाजी मार ली है।
चित्रकूट में जिला पंचायत सीट से वार्ड नंबर-9 पर पहाड़ी से भाजपा समर्थित प्रत्याशी अशोक जाटव जीते। वार्ड 6 भदेदु से भाजपा समर्थित प्रत्याशी शिशंकर सिंह विजयी घोषित हुए। वार्ड-4 हन्ना से भी भाजपा प्रत्याशी अर्जुन शुक्ला को जीत हासिल हुई है।
बुलंदशहर में हुए जिला पंचायत चुनाव में भाजपा के महज़ 10 प्रत्याशी ही जीत सके। 52 जिला पंचायत के वार्डों में सिर्फ 10 वार्डों में भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिल सकी। 42 जिला पंचायत वार्डों पर भाजपा उमीदवारों को शिकस्त मिली है। भाजपा प्रत्याशियों को निर्दलीय, सपा, बसपा और रालोद कंडिडेट्स ने पराजित किया।
जौनपुर में शाहगंज ब्लाक के खरगीपुर गोधना गांव की प्रधान पद की प्रत्याशी अनीता देवी पत्नी भीमचंद ने कड़े मुकाबले में मात्र दो वोटों से चुनाव जीत लिया। अनीता देवी को 262 जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी उर्मिला को 260 मत मिले। तीन बार लगातार गांव की प्रधान रही अनीता देवी चौथी बार फिर प्रधान बनी हैं। लगातार चौथी बार चुनाव जीतने के बाद समर्थकों ने खुशी जाहिर किया है। इसके लिए उन्होंने ग्राम वासियों को आभार जताया है। इसी तरह जमदानीपुर गांव इस बार प्रधान पद के लिए अनुसूचित महिला के लिए सुरक्षित हो गया था। पहली बार चुनाव में मैदान उतरी रेनू देवी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कमला देवी को मात्र तीन वोट से पराजित कर दिया। रेनु को 149 तो कमला को 146 मत मिले।
जौनपुर में शाहगंज ब्लाक के खरगीपुर गोधना गांव की प्रधान पद की प्रत्याशी अनीता देवी पत्नी भीमचंद ने कड़े मुकाबले में मात्र दो वोटों से चुनाव जीत लिया। अनीता देवी को 262 जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी उर्मिला को 260 मत मिले। तीन बार लगातार गांव की प्रधान रही अनीता देवी चौथी बार फिर प्रधान बनी हैं। लगातार चौथी बार चुनाव जीतने के बाद समर्थकों ने खुशी जाहिर किया है। इसके लिए उन्होंने ग्राम वासियों को आभार जताया है। इसी तरह जमदानीपुर गांव इस बार प्रधान पद के लिए अनुसूचित महिला के लिए सुरक्षित हो गया था। पहली बार चुनाव में मैदान उतरी रेनू देवी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कमला देवी को मात्र तीन वोट से पराजित कर दिया। रेनु को 149 तो कमला को 146 मत मिले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। जिला पंचायत चुनाव में 34 सीटों में से मात्र 8 सीटें ही भाजपा की झोली में आयी हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी को 14, बसपा को 5, अपना दल को 3 और आम आदमी पार्टी को 1 सीट मिली है। जबकि, 3 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं।
जौनपुर जिला पंचायत चुनाव में साल 2015 की मिस इंडिया रनर अप रहीं दीक्षा सिंह चुनाव हार गयी हैं। जिला पंचायत सदस्य की प्रत्याशी दीक्षा सिंह वॉर्ड नंबर-26 से चुनावी मैदान में थी। उन्हें बीजेपी नेता रहे स्व राजमणि सिंह की भतीजी नगीना सिंह ने करीब दो हजार मतों से हरा दिया है।
अलीगढ़ जिला पंचायत सदस्य पदों की मतगणना 30 घंटे बाद भी पूरी नहीं हुई है। दोपहर दो बजे तक प्रशासनिक स्तर पर इसके नतीजे घोषित नहीं हुए हैं। सपा जिलाध्यक्ष गिरीश यादव ने आरोप लगाया है कि कुछ सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए परिणाम घोषित करने में अनावश्यक देरी की जा रही है। इससे किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका बढ़ गई है। वहीं जिला निर्वाचन कार्यालय के सहायक निवार्चन अधिकारी कौशल कुमार का कहना था कि सभी 12 मतगणना स्थलों के आरओ एआरओ के माध्यम से परिणाम मिलने के बाद ही उसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
पथरा के मिठवल ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरगदवा के मतगणना में परिणाम आया तो सबकीं आंखें नम हो गईं। जीते हुए प्रत्याशी के पक्ष में जैसे जैसे मतपत्रों की संख्या बढ़ रही थी, वैसे ही समर्थक सिसक रहे थे। वजह ये थी कि जिस प्रत्याशी को जीत मिली, वे बीमारी के कारण चार दिन पहले ही दम तोड़ चुके थे। इस मौके पर जीतने और हारने वाले सभी लोगोंं के चेहरे लटक गए। मिठवल ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरगदवा के लिए प्रधान पद के प्रत्याशी रहे राजेश चौधरी उर्फ गुड्डू की मौत मतगणना से चार दिन पहले ही हो गई। दो मई को मतगणना में जो परिणाम आया, उसमें प्रथम स्थान पर मृतक राजेश चौधरी का ही नाम सामने आया।
जौनपुर में पत्नी की जीत के लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी। दिन-रात चुनाव प्रचार में जुटे रहे। रूठों को मनाने और उनका समर्थन पाने के लिए क्या कुछ नहीं किया। जनता ने बड़ी जीत के रूप में आशीर्वाद भी दिया, लेकिन पत्नी के जीत की यह खुशी देखने से पहले ही उनकी सांस थम गई। मामला केराकत ब्लॉक के भौरा गांव का है।
लंबे समय तक आतंक का पर्याय बने रहे विकास दुबे के खात्मे के उपरांत बिकरू ग्राम पंचायत में लगभग ढाई दशक बाद एक बार पुन: लोकतंत्र का उदय हुआ। 25 साल बाद बिना किसी दबाव के चुनाव हुए। मतदान में गणना के बाद मधु ने जीत दर्ज करके इतिहास रच दिया है। यहां मधु और प्रतिद्वंद्वी बिंदु कुमार के बीच कांटे की टक्कर रही। कड़े मुकाबले के बाद मधु ने जीत दर्ज की है। उनकी जीत के बाद गांव में जश्न का माहौल है। यहां दस प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे, जबकि मधु और बिंद कुमार के बीच टक्कर मानी जा रही थी। कड़े मुकाबले के बीच मधु ने 381 वोट हासिल किए हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बिंद कुमार को 327 वोट मिले हैं। पंचायत चुनाव में मतदान के बाद से बिकरू और पड़ोस के गांव भीटी गांव में चुनाव परिणाम आने से पहले ही आजादी जैसा माहौल है।
बाराबंकी में जिला पंचायत सदस्य पद के लिए 57 सीटों पर हुए चुनाव की मतगणना अभी तक चल रही है। इस चुनाव के लिए सपा, बसपा, भाजपा व कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन अभी तक के जो परिणाम सामने आ रहे है उनमें निर्दलीय प्रत्याशी सबसे ज्यादा जीत दर्ज किए है। करीब दस जगहों पर भाजपा व दस सीट पर सपा की जीत हुई है। इसके अलावा कई जगहों पर जीतने वाले उम्मीदवार खुद को राजनीतिक पार्टियों का समर्थित प्रत्याशी बता रहे है। हालांकि अभी मतगणना की पूरी स्थिति साफ नहीं हो सकी है। देर रात तक ही पूरे परिणाम सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है।
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना रविवार को सुबह शुरू होने के बाद से जारी है। सोमवार शाम तक 38,317 ग्राम प्रधान, 23,2612 ग्राम पंचायत सदस्य तथा 55,926 क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए हैं। साथ ही 181 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए हैं।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की भतीजी और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन मैनपुरी की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संध्या यादव जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गईं। संध्या यादव ने मैनपुरी जिले के वार्ड नंबर 18 से भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और उन्हें समाजवादी पार्टी के प्रमोद यादव ने पराजित किया।
उन्नाव जिले में माखी दुष्कर्म कांड के कारण चर्चा में आई माखी ग्राम सभा सजायाफ्ता पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के हाथ से फिसल गई। इस बार पंचायत चुनाव में उनके चिरप्रतिद्वंदी शिशुपाल सिंह ने ग्राम प्रधान की सीट पर कब्जा कर लिया है। इससे पहले उनके अनुज अतुल सिंह की पत्नी प्रधान थी। काफी समय से इस सीट पर उनके परिवार का ही कब्जा रहा है। इस बार उनके परिवार से कोई भी चुनाव मैदान में नहीं था। कुलदीप के चिरप्रतिद्वंदी शिशुपाल सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राम मिलन यादव को 2213 मतों से हरा दिया।
उन्नाव में 51 जिला पंचायत सीट के परिणाम घोषित हो गए हैं। यहां भाजपा समर्थित 9 प्रत्याशी जीते, जबकि सपा समर्थित 16 की जीती हुई है। निर्दलीय 10 जीते है। उन्नाव में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में जिले की चर्चित सीटों में एक फतेहपुर चौरासी तृतीय का चुनाव परिणाम आ गया। इसमें पूर्व एमएलसी स्व. अजीत सिंह की पत्नी शकुन सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पुष्पा वर्मा को करीब 27 सौ मतों से हरा दिया है। यह सीट इसलिए भी काफी चर्चा में थी क्योंकि भाजपा ने पहले यहां से सजायाफ्ता पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष संगीता सेंगर को उम्मीदवार घोषित किया था। बाद में उनका टिकट पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने रद्द कर दिया था।
सीएम योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर में जिला पंचायत चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों ने सभी दलों को पीछे छोड़ दिया है। जिला पंचायत की 68 में से 25 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। वहीं 20 सीटों पर बीजेपी को बढ़त मिली है। 13 सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आगे हैं। वहीं 4 सीटों पर बीएसपी उम्मीदवारों को बढ़त मिली है।
प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर आसपुर देवसरा थानाक्षेत्र के गौसपुर गांव में रविवार रात पंचायत चुनाव में हार से आक्रोशित लोगों ने विजयी उम्मीदवार के समर्थक को गोली मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने सोमवार को बताया कि गौसपुर गांव प्रधान पद के लिए रविवार को हुई मतगणना में विष्णु तिवारी उर्फ़ सोनू निर्वाचित हुए, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी दिनेश मिश्र हार गए। रविवार रात गांव में आयोजित तिलकोत्सव में जीते हारे दोनों प्रत्याशी शामिल थे ,जहां उनमें कहा सुनी हुई । आरोप है कि हारे प्रत्याशी के समर्थकों ने गोलीबारी शुरू कर दी। गोली लगने से विजयी पक्ष के समर्थक विनय सिंह (30) घायल हो गए। सिंह को जिला चिकित्सालय लाया गया, चिकित्सकों ने बेहतर उपचार हेतु उन्हें प्रयागराज भेज दिया है। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
पीलीभीत में पंचायत चुनाव की मतगणना जारी है। अभी तक 545 ग्राम प्रधान और 272 बीडीसी मेंबर घोषित हो चुके हैं।
आयोग के अनुसार, जिला पंचायत सदस्य के सात, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2,005, ग्राम पंचायत प्रधान के 178 और ग्राम पंचायत सदस्य के 3,17,127 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। इस प्रकार राज्य में चारों चरणों के चुनाव क्षेत्रों से कुल 3,19, 317 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये जा चुके हैं। एटा जिले के थाना कोतवाली नगर के ब्लाक शीतलपुर क्षेत्र स्थित मतगणना स्थल रोहन लाल चतुर्वेदी इंटर कॉलेज में आज मतगणना शुरू होने के दूसरे राउंड में मतगणना स्थल के अंदर आगे खड़े होने को लेकर विवाद हो गया और मतगणना केंद्र के अंदर ही दोनों पक्षों में मारपीट हो गयी। मारपीट होते ही वहाँ तैनात पुलिस बल सक्रिय हो गया और झगड़ रहे दोनों पक्षों के पांच लोगों को हिरासत में लिया।
ग्राम पंचायत के वार्डों में 7.32 लाख से अधिक सीटों के लिए लाखों उम्मीदवार मैदान में हैं। पहले चरण में 15 अप्रैल को मतदान हुआ था, दूसरे चरण के लिए 19 अप्रैल को, तीसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को और चौथे चरण के लिए 29 अप्रैल को मतदान हुआ था।
उत्तर प्रदेश में पिछले महीने चार चरणों में हुए पंचायत चुनाव की मतगणना रविवार सुबह शुरू हो गई और रात साढ़े आठ बजे तक विभिन्न पदों के लिए 1,64,680 उम्मीदवारों को निर्वाचित घोषित कर दिया गया। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा रविवार को जारी बयान के अनुसार रात साढ़े आठ बजे तक प्रदेश के सभी जिलों से मिली सूचना के अनुसार ग्राम पंचायत सदस्य पद के 1,12,358 उम्मीदवार, ग्राम पंचायत प्रधान के पद पर 16,510 और क्षेत्र पंचायत सदस्य के पद पर 35,812 उम्मीदवार निर्वाचित घोषित कर दिये गये। जिला पंचायत सदस्य के पद पर अभी तक कोई परिणाम नहीं आया था।
यूपी पंचायत चुनाव: (9:00 P. M., 2 May)
(बुलंदशहर)
कुल: 52
भाजपा: 21
बसपा: 9
आरएलडी: 6
सपा: 5
निर्दलीय: 11 प्रत्याशी आगे हैं।
मतगणना ज़ारी..
जिला पंचायत की 3050 सीटों पर मतगणना जारी है। बीजेपी 210 सीट पर बीजेपी, सपा 182, बसपा 56 और कांग्रेस 45 पर आगे चल रही है, जबकि 140 सीटों पर अन्य बढ़त लिए हैं।
विकासखंड अकोला के लालऊ गांव का मामला है। 15 अप्रैल को प्राथमिक विद्यालय बूथ संख्या 126 पर मतदान हुआ था। पूर्व प्रधान ने गंभीर आरोप लगाए। कहा कि आखिर मत पेटी में वोट कैसे बढ़ गए। चुनाव आयोग से शिकायत कर दोबारा मतदान कराने की मांग की।
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा के ससुर लालता प्रसाद वर्मा ने लखीमपुर खीरी के जंगबहादुरगंज के मकसूदपुर से चुनाव जीत लिया है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 1177 मतों से हराकर जीत दर्ज की. लालता प्रसाद वर्मा को कुल 1421 मत मिले. जबकि, उनके प्रतिद्वंदी को मात्र 244 मत मिले.
पूर्व कैबिनेट मंत्री व सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को पंचायत चुनाव में झटका लगा है। वाराणसी में उनके भाई की पत्नी रीता राजभर ग्राम प्रधान का चुनाव हार गई हैं। पिंडरा क्षेत्र के फतेहपुर गांव में ग्राम प्रधान सीट पर ओमप्रकाश राजभर के सगे भाई लखन्दर राजभर की पत्नी रीता राजभर मैदान में थीं।
कन्नौज के छिबरामऊ तहसील में आठ पोलिंग एजेंटों को रैपिड एंटीजन जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने पर वापस कर दिया गया। रविवार को करीब दो हजार मतगणना एजेंटों की कोविड-19 जांच की गई।
उत्तर प्रदेश में पंचायत की लाखों सीटों के लिए रविवार को 829 केंद्रों पर मतगणना शुरू हुई और इस प्रक्रिया के पूरा होने में दो दिन का समय लगने की अनुमान है। हालांकि, मतगणना शुरू होने से कुछ समय पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग ने करीब तीन प्रत्याशियों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के सभी 75 जिलों की मतगणना में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के पदों के लिए कुल 12, 89, 830 उम्मीदवारों की तकदीर का जनता ने फैसला किया है।
पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो प्रत्याशियों को उनके निधन के बाद जीत मिली। चिरईगांव प्रखंड की ग्राम पंचायत शिवदशा से प्रत्याशी धर्मदेव यादव और सिरिस्ती से प्रत्याशी निर्मला मौर्य दोनों की मतदान के बाद निधन हो गया था। अब यहां दोबारा मतदान कराया जाएगा।.
बुलंदशहर जिले की जिला पंचायत के कुल 52 वार्डों में 21 में भाजपा, 9 में बसपा, 6 में आरएलडी और 5 में सपा आगे चल रही है। वहीं, 11 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशी आगे हैं.