सपा प्रमुख अखिलेश यादव के जिन्ना वाले बयान को लेकर यूपी में वार-पलटवार शुरू हो गया है। उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि ये तालिबानी मानसिकता है। अखिलेश यादव ने रविवार को उत्तर प्रदेश में एक रैली में यह टिप्पणी की थी।

यूपी के पूर्व सीएम ने हरदोई में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्थान में पढ़े और बैरिस्टर बने। वे बैरिस्टर बने और उन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। वे कभी किसी संघर्ष से पीछे नहीं हटे। उन्होंने इस दौरान संघ पर भी निशाना साधा।

यादव ने कहा- “यह लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल थे जिन्होंने एक विचारधारा पर प्रतिबंध लगाया था। आज वही लोग जो देश को एकजुट करने की बात करते हैं, वे हमें धर्म और जाति के आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं।

अखिलेश यादव के इस बयान पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए इसे शर्मनाक बताया है। उन्होंने इस बयान के लिए अखिलेश से माफी मांगने के लिए भी कहा है। योगी ने कहा- “समाजवादी पार्टी प्रमुख ने जिन्ना की तुलना सरदार वल्लभभाई पटेल से की। यह शर्मनाक है। यह तालिबानी मानसिकता है जो विभाजित करने में विश्वास करती है। सरदार पटेल ने देश को एकजुट किया। आज पीएम मोदी के नेतृत्व में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को प्राप्त करने के लिए काम चल रहा है”।

बीजेपी के कई अन्य नेताओं ने भी अखिलेश यादव पर इस बयान के लिए निशाना साधा है। यूपी बीजेपी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह ने यादव की आलोचना करते हुए कहा, “अखिलेश यादव सरदार पटेल की जयंती पर मुहम्मद अली जिन्ना की प्रशंसा क्यों कर रहे हैं?”

भाजपा के राज्यसभा सांसद बृजलाल ने भी समाजवादी पार्टी प्रमुख पर निशाना साधा। एक संदेश में उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लौह पुरुष की तुलना जिन्ना से की। अखिलेश यादव को इतिहास पढ़ना चाहिए। जिन्ना हिंदुओं की सामूहिक हत्या और देश के विभाजन में भी शामिल थे।