UP Bypolls: उत्तर प्रदेश में नौ सीटों पर उपचुनाव होना है, लेकिन उपचुनाव पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) पर कथित रूप से मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि जब से उनकी पार्टी राज्य में 20 नवंबर को होने वाले उपचुनावों के लिए नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी है, तब से उनकी नींद उड़ गई है।
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में इन नौ सीटों में से सपा ने चार और भाजपा ने तीन सीटें जीती थीं, जबकि रालोद और निषाद पार्टी को एक-एक सीट मिली थी। इन सीटों में से, बसपा तब एक सीट, अलीगढ़ जिले में अनुसूचित जाति (एससी)-आरक्षित खैर पर दूसरे स्थान पर रही थी, और सात सीटों पर तीसरे स्थान पर रही थी, जिनमें कटेहरी, फूलपुर, मीरापुर, करहल, कुंदरकी, गाजियाबाद और मझवां शामिल हैं।
बसपा ने खैर में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, जहां उसके उम्मीदवार को 26% वोट मिले थे, जो बीजेपी के उम्मीदवार से 74,000 से अधिक वोटों से हार गए थे। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी), जो उस समय सपा की सहयोगी थी। वो 16.57% वोटों के साथ इस सीट पर तीसरे स्थान पर रही थी, लेकिन बदले सियासी घटनाक्रम में आरएलडी अब बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा है।
कटेहारी में, जहां सपा ने भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी को 7,696 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी, बसपा को 58,482 मत (23.62% वोट) मिले। आगामी उपचुनावों के लिए तीनों प्रमुख दावेदारों – भाजपा, सपा और बसपा ने निर्वाचन क्षेत्र में ओबीसी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
ओबीसी बहुल फूलपुर सीट की बात करें तो यहां से भाजपा ने सपा को 2,732 मतों के अंतर से हराया था, वहां बसपा 33,036 मत (13.4% वोट) पाकर तीसरे स्थान पर रही थी।
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मझवां में, जहां निषाद पार्टी ने सपा को 33,587 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी, वहीं बसपा को 52,990 वोट मिले। इस सीट पर उपचुनाव के लिए भाजपा और सपा दोनों ने ओबीसी उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बसपा ने ब्राह्मण उम्मीदवार को मैदान में उतारा है।
2022 के चुनाव में मीरापुर से आरएलडी ने बीजेपी को 27,380 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी, जबकि बीएसपी 23,797 वोट (11% वोट) पाकर तीसरे नंबर पर रही थी। उपचुनाव में बीएसपी और एसपी दोनों ने इस सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा के एसपी सिंह बघेल को 67,000 से अधिक मतों से हराकर करहल सीट जीती थी। बसपा के कुलदीप नारायण 6.37% मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। उपचुनाव के लिए बसपा ने अपने ओबीसी नेता अवनीश कुमार शाक्य को मैदान में उतारा है। शाक्य यादवों के बाद करहल में दूसरा सबसे प्रभावशाली ओबीसी समुदाय है। सपा ने अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने भी यादव चेहरा उतारा है।
सपा ने मुरादाबाद जिले की मुस्लिम बहुल कुंदकरी सीट पर भाजपा को 43,162 मतों से हराकर जीत हासिल की थी, जबकि बसपा 42,742 मत (15.73% वोट) पाकर तीसरे स्थान पर रही थी। बसपा ने इस सीट से मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा है।
गाजियाबाद सीट पर भाजपा ने सपा को 1.05 लाख वोटों से हराया था, जबकि बसपा 13.36% वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी।
2022 में बसपा कानपुर की सीसामऊ सीट पर चौथे स्थान पर रही थी, जहां सपा ने भाजपा को 12,266 मतों से हराकर जीत हासिल की थी। बसपा को सिर्फ 2,937 वोट (1.88% वोट शेयर) मिले थे। कांग्रेस, जिसने तब राज्य विधानसभा चुनाव अकेले लड़ा था, सीसामऊ में 5,616 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी। मौजूदा उपचुनावों में सपा की सहयोगी के रूप में कांग्रेस ने सभी नौ निर्वाचन क्षेत्रों में सपा को अपना समर्थन देने की घोषणा की है, क्योंकि उसे अपनी मनचाही सीटें नहीं मिलीं।
हालांकि मायावती और उनके भतीजे एवं बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद उपचुनाव के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दोनों नेता शायद प्रचार अभियान में शामिल नहीं होंगे।
शनिवार को जारी एक बयान में मायावती ने मतदाताओं से उपचुनाव में अपनी पार्टी का समर्थन करने की अपील की। बसपा उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का उनका कदम स्पष्ट रूप से सभी नौ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला स्थापित करने के उद्देश्य से है, ताकि उनकी पार्टी को भाजपा और सपा दोनों के लिए एक चुनौती के रूप में पेश किया जा सके। उन्होंने भाजपा और सपा पर कथित तौर पर आपसी सहमति से चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है।
पिछले कई सालों में यूपी में बीएसपी की स्थिति खराब हुई है। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 403 में से सिर्फ़ एक सीट जीत पाई है, जबकि 2017 के चुनाव (19 सीटें) में उसका वोट शेयर 22.23% से गिरकर 12.88% रह गया है।
2024 के लोकसभा चुनावों में बसपा 80 में से 79 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद यूपी में एक भी सीट नहीं जीत सकेगी, और उसका वोट शेयर 10% गिरकर 9.39% हो जाएगा।
(लालमणि वर्मा की रिपोर्ट)