Unnao Rape Case: उन्नाव बलात्कार मामले में सजायाफ्ता भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को दी गई अंतरिम जमानत के खिलाफ पीड़िता ने बुधवार (25 जनवरी, 2023) को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। जिसमें भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को अंतरिम जमानत देने के आदेश को वापस लेने की मांग की गई है। जस्टिस मुक्ता गुप्ता और अनूप कुमार मेंदीरत्ता की खंडपीठ ने सीबीआई और सेंगर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
16 जनवरी को हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने सेंगर को 27 जनवरी से 10 फरवरी तक 15 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी थी। इस अवधि के दौरान हर दिन सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के लखनऊ कार्यालय में संबंधित सब-इंस्पेक्टर को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया। सेंगर को बलात्कार की सजा और आजीवन कारावास से संबंधित ट्रायल कोर्ट के दिसंबर 2019 के फैसले को चुनौती देने वाले मामले में जमानत दी गई थी।
पीड़िता के वकील ने कहा- ‘सेंगर बहुत प्रभावशाली व्यक्ति है’
पीड़िता की ओर से पेश अधिवक्ता महमूद प्राचा ने कहा कि उनके मुवक्किल के अनुसार अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद से उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा को लेकर आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर एक बहुत ही प्रभावशाली व्यक्ति है, जब वह जेल में था, उसी दौरान पीड़िता के पिता की मौत हुई थी। प्राचा ने तर्क दिया कि पीड़िता के पिता की मौत पर सेंगर के साथ मामले में एक एसएचओ को भी दोषी ठहराया गया था।
पीड़िता की याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 16 नवंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर किया, जिसमें सेंगर की कैद के दौरान उसके और उसके परिवार के लिए सुरक्षा जोखिम को उजागर किया गया था। याचिका में कहा गया है कि इसलिए, याचिकाकर्ता (पीड़ित) के लिए अपीलकर्ता (सेंगर) के अंतरिम जमानत सुरक्षा को लेकर गंभीर जोखिम पैदा करता है।
याचिका में आगे कहा गया है कि पीड़िता को सूचना मिल रही थी कि अपीलकर्ता (सेंगर) जेल से छूटने के बाद उसे और उसके परिवार को नुकसान पहुंचाने जा रहा है। याचिका में अंतरिम जमानत आदेश को वापस लेने के अलावा वैकल्पिक रूप से आदेश में संशोधन की मांग की गई है।
उल्लेखनीय है सेंगर ने 2017 में बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था, जब वह नाबालिग थी।13 मार्च, 2020 को दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत के मामले में सेंगर को 10 साल के सश्रम कारावास के साथ ही 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर और पांच अन्य लोगों को सजा भी सुनाई थी।