देशभर में कोरोनावायरस के बढ़ते केसों के बीच सरकार लोगों से घरों में रहने और कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने के लिए कह रही है। हालांकि, यह बात खुद केंद्र सरकार के मंत्रियों पर लागू होती नहीं दिख रही। ताजा मामला केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से जुड़ा है, जो मुंगेर स्थित चंडिका स्थान मंदिर के पिछले छह महीने से बंद होने के बावजूद मंगलवार रात यहां पहुंच गए। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशासनिक आदेश के तहत यहां अब तक पूजा करने की इजाजत नहीं है, पर चौबे न सिर्फ मंदिर पहुंचे, बल्कि परिवार और दर्जनों समर्थकों के साथ यहां पूजा भी की।
अश्विनी कुमार चौबे मंगलवार को ही मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी की घटना में जान गंवाने वाले अनुराग पोद्धार के परिवार से मिलने पहुंचे थे। यहां अनुराग के परिजनों से मिलने के बाद उन्होंने चंडीस्थान में पूजा करने की इच्छा जाहिर कर दी। इस दौरान मंत्री के पत्नी-बेटे और उनके समर्थक साथ ही थे। बता दें कि कोरोना गाइडलाइंस की वजह से चंडीस्थान नवरात्र के दौरान भी बंद रहा था।
PA के एक फोन पर खुल गए मंदिर के कपाट: मंत्री के इच्छा जाहिर करने के बाद उनके सचिव ने फोन कर मंदिर का ताला खुलवाने और पूजा-अर्चना की व्यवस्था करने तक के आदेश दे दिए। एक केंद्रीय मंत्री के सचिव के आदेशों की वजह से मंदिर न्यास समिति के सचिव ने आनन-फानन में जिला प्रशासन के आदेश की अनदेखी करते हुए ताला खुलवाया और पूजा के लिए व्यवस्थाएं कर दीं। मंदिर से जो फोटो सामने आई हैं, उसमें चौबे के साथ उनके समर्थक सेल्फी लेते भी दिखाई दे रहे हैं।
मंत्री जी जैसे पावरफुल लोगों को दर्शन से मना कैसे कर सकते हैं: चंडिका स्थान मंदिर के सचिव प्रभुदयाल सागर ने कहा कि उन्हें मंगलवार शाम को ही अश्विनी चौबे के पीए का फोन आया था। उन्होंने कहा था कि मंत्री जी मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं और पूजा की इच्छा जता रहे हैं। प्रभुदयाल ने कहा कि मंत्री जी जैसे पावरफुल लोगों को दर्शन करने से मना कैसे किया जा सकता है।
दूसरी तरफ जिले की डीएम रचना पाटिल ने कहा कि अगर प्रशासन की ओर से मंदिर बंद रखा गया था, तो न्यास समिति के सचिव का ताला खुलवाकर मंदिर में पूजा करवाना गलत है। डीएम ने कहा कि उनकी हाल ही में जिले में नियुक्ति हुई है, इसलिए मंदिर पर कोरोना गाइडलाइंस की जानकारी लेने के बाद ही आगे कुछ कहेंगी।